सता रही मच्छरों की फौज
बिधूना (औरैया) संवाद सहयोगी : बीते एक दशक से अधिक समय से गांवों में डीडीटी का छिड़काव करने की जरूरत नहीं समझी गई है। नतीजा यह है कि गांवों में मच्छरों की फौज है। वहीं बीएचडब्लू के सक्रिय न होने से मलेरिया का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। हाल यह है कि मलेरिया विभाग के कई कर्मचारी अधिकारियों से साठगांठ कर अन्य पदों पर काम कर रहे हैं।
जनपद को मलेरिया का इंडेमिक जोन माना जाता है। मलेरिया की रोकथाम के लिए अधिकारियों, कर्मचारियों की फौज भी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन से लेकर स्वास्थ्य विभाग मलेरिया की रोकथाम के लिए भारी रकम खर्च कर रहा है। वहीं जमीनी हकीकत कुछ और ही तस्वीर बयां कर रही है। औरैया में जिला मलेरिया अधिकारी की तैनाती है जो अन्य किसी जनपद से आते हैं। दो मलेरिया इंस्पेक्टर भी तैनात है, लेकिन इनका भ्रमण शायद ही किसी क्षेत्र में होता हो। नतीजा यह है कि बीते एक दशक से डीडीटी का छिड़काव नहीं किया गया है। वहीं कुंओं में ब्लीचिंग पाउडर भी नहीं डाला गया। क्षेत्र के कई गांवों में मलेरिया का प्रकोप है। पूर्व जिला पंचायत सदस्य लायक सिंह सेंगर, अमर सिंह पाल, लज्जाराम शर्मा, देवेन्द्र प्रताप आदि ने शासन प्रशासन से मलेरिया विभाग को सक्रिय करने के साथ-साथ कस्बों एवं गांवों में डीडीटी का छिड़काव कराने की मांग की है।