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दस फीसद भी नहीं हुई खरीफ की बुआई

By Edited By: Published: Sun, 20 Jul 2014 01:00 AM (IST)Updated: Sun, 20 Jul 2014 01:00 AM (IST)
दस फीसद भी नहीं हुई खरीफ की बुआई

औरैया, जागरण संवाददाता :

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का वर्षा जब कृषि सुखाने। यह कहावत मौसम और खेती पर बिल्कुल सटीक बैठती है। देर से बारिश शुरू होने की वजह से खरीफ की फसलों की दस फीसद भी बुआई नहीं हो पाई है। स्थिति यह है कि अरहर व बाजरा की बुआई पिछले वर्षो की तुलना में बमुश्किल एक फीसद भी बुआई हो पाई है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि यदि मानसून की यही हालत रही तो खरीफ की बुआई पचास फीसद भी मुश्किल हो जाएगी।

जनपद में जून माह में शून्य जबकि जुलाई माह में अभी तक बमुश्किल 8 मिमी ही बारिश हुई है। जिसका परिणाम है कि इसका असर फसलों पर दिखाई दे रहा है। अरहर की बुआई केवल 18 हेक्टेयर हो पाई है। वहीं बाजरा की बुआई 110 हेक्टेयर करीब हो पाई है। वहीं उर्द व मूंग की बुआई किसानों द्वारा अभी तक शुरू नहीं की गई है। हालांकि ज्वार व मक्का की बुआई पूरे क्षेत्र की जा चुकी है। वहीं धान रोपाई का कार्य भी बारिश के चलते प्रभावित हुआ है। जनपद में अभी तक बासमती 250 हेक्टेयर, हाइब्रिड धान 8800 तथा सामान्य धान की रोपाई 4580 हेक्टेयर धान की रोपाई की जाती थी, लेकिन अभी तक सब मिलाकर 3600 हेक्टेयर ही रोपाई हो सकी है। इस हफ्ते हुई बारिश से धान की तैयार हो चुकी नर्सरी के बाद अब रोपाई का कार्य तेजी से शुरू हो गया है। कृषि विभाग का कहना है कि धान के लिए अभी समय है। हालांकि नहर, बंबों में पानी बराबर चलने से 15 दिनों में क्षेत्र बढ़ने की पूरी संभावना है। विभागीय अधिकारियों कहना है कि जुलाई माह में मानसून के अच्छे संकेत मिल रहे हैं जिससे खरीफ फसल की बुआई का क्षेत्रफल बढ़ने की पूरी संभावना है।

इस संबंध में उपकृषि निदेशक डा. बनारसी यादव ने बताया कि किसान रोपाई के लिए पौध तैयार कर रहे हैं जिसकी वजह से धान की रोपाई प्रभावित है। वहीं अरहर व बाजरा की बुआई भी जुलाई माह में की जाती है इसलिए इन फसलों के लिए अभी कोई समस्या नहीं है।

इनसेट -

जनपद में जिंसवार क्षेत्रफल

जिंस कुल क्षेत्रफल वर्तमान में

अरहर 4646 18 हेक्टेयर

धान 13630 3660 हेक्टेयर

बाजरा 28390 110 हेक्टेयर

मक्का 7390 7000 हेक्टेयर

उर्द व मूंग 1400 शुरू नहीं

ज्वार 960 950 हेक्टेयर

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