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मानक की अनदेखी पर फंसा ठेकेदार

गजरौला : आखिरकार सड़क निर्माण में मानकों को ठेंगा दिखाने के मामले में एक ठेकेदार फंस ही गया। डीएम शुभ

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Feb 2017 12:58 AM (IST)Updated: Mon, 27 Feb 2017 12:58 AM (IST)
मानक की अनदेखी पर फंसा ठेकेदार
मानक की अनदेखी पर फंसा ठेकेदार

गजरौला : आखिरकार सड़क निर्माण में मानकों को ठेंगा दिखाने के मामले में एक ठेकेदार फंस ही गया। डीएम शुभ्रा सक्सेना के आदेश पर जांच उपरांत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

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नगर के मुहल्ला बसंत बिहार में भजन होटल के पीछे अनवार चौधरी के घर से गुडडू के घर तक इंटर ला¨कग सड़क का निर्माण हुआ। करीब दो सौ मीटर की 14 लाख 56 हजार रुपये के बजट की इस सड़क का काम मैसर्स ¨सह कन्ट्रक्शन फर्म ने करवाया। इसके द्वारा तय मानकों का पालन नहीं कराया गया। इसकी शिकायत हुई। स्थानीय स्तर पर संतोष जनक कार्रवाई नहीं होने पर मामला डीएम स्तर पर पहुंच गया।

डीएम ने मौके पर अधिकारी भेज कर जांच कराई। इस बार मौजूदा डीएम का रुख भाप जांच अधिकारियों ने इमानदारी बरतते हुए रिपोर्ट भी प्रेषित कर दी, जो निर्माण में मानकों की अनदेखी किए जाने की चुगली कर रही थी। इसे गंभीरता से लेते हुए डीएम ने रिपोर्ट के आदेश कर दिए। लिहाजा डीएम के आदेश संग ईओ मोहम्मद कामिल पाशा थाने तहरीर लेकर पहुंचे। पुलिस ने भी रिपोर्ट में देरी नहीं की। धोखाधड़ी की धारा में रिपोर्ट संबंधित ठेकेदार के खिलाफ कायम कर ली है।

हालांकि अभी उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन रिपोर्ट से नगर पालिका परिषद के ठेकेदारों में खलबली मची हुई। वह अपने स्तर से इस बात की जानकारी कराने में जुट गए हैं कि किसी और मामले में जांच तो नहीं कराई जा रही है। प्रभारी निरीक्षक पीके ¨सह ने बताया कि विवेचना कराई जा रही है।

निर्माण में अनदेखी और जिम्मेदार बस ठेकेदार

गजरौला : पहली बार निर्माण में मानकों की अनदेखी पर रिपोर्ट लिखे जाने से लोग खुश हैं, लेकिन उनका कहना है कि क्या इसके लिए सिर्फ ठेकेदार ही जिम्मेदार है। काम कराने वाले विभाग के लोगों की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती, यह उन्हें जांच में बचा दिया गया। रालोद नेता सचिन चौधरी ने कहा कि इसमें और गंभीरता के साथ कार्रवाई होनी चाहिए।

काश सभी निर्माण कार्यो की जांच हो जाएं

गजरौला : सड़क निर्माण मे मानकों की अनदेखी की रिपोर्ट होने की जानकारी पर लोगों का कहना है कि काश यहां हुए करोड़ों के नाली-नालों व पुलियों के निर्माण की जांच हो जाए तो पूरा विभाग ही कटघरे में खड़ा मिलेगा। चूंकि तमाम बार जांच अधिकारी जांच के नाम पर खाना पूर्ति कर लौट गए। निर्माण पीली ईंट, मानक से कम सीमेंट का प्रयोग खूब पाया जाएगा। इसी कारण हाल में बनी अधिकांश जवाब दे रही हैं।


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