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शहर में डायरिया का प्रकोप, छह भर्ती

अमरोहा : शहर में डायरिया का प्रकोप शुरू हो गया है। मंगलवार को 50 मरीज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहु

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 May 2017 12:57 AM (IST)Updated: Wed, 24 May 2017 12:57 AM (IST)
शहर में डायरिया का प्रकोप, छह भर्ती
शहर में डायरिया का प्रकोप, छह भर्ती

अमरोहा : शहर में डायरिया का प्रकोप शुरू हो गया है। मंगलवार को 50 मरीज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। इनमें छह मरीजों की हालत नाजुक देख चिकित्सक ने इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कर दिया। बाकी को दवा देकर घर भेज दिया। चिकित्सक की माने तो तेज गर्मी और तली-भुनी चीजें खाने से उल्टी-दस्त की शिकायत आई है।

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शहर के मुहल्ला चिल्ला, बाइपास और लकड़ा मुहल्ले सहित अन्य मुहल्ले से एक के बाद एक कई मरीज मंगलवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। उल्टी-दस्त से पीड़ित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने से अस्पताल प्रशासन भी ¨चतित हो गया। चिकित्सक ने मुहल्ला चिल्ला निवासी गजाला, बाइपास की फरजाना और लकड़ा निवासी शाहजहां और मोहम्मद जावेद व हुसना की हालत नाजुक देखते हुए भर्ती कर लिया। इन मरीजों का इमरजेंसी वार्ड में तत्काल इलाज शुरू किया गया। इसके बाद दोपहर दो बजे तक 50 की संख्या में डायरिया के मरीज अस्पताल पहुंचे। इन मरीजों का प्राथमिक उपचार कर उन्हें घर भेज दिया।

इन दिनों लगातार उल्टी, दस्त और पेट दर्द के मर ज अस्पताल पहुंच रहे हैं। एक-एक दिन में करीब 300 से 400 मरीज सीएचसी पर पहुंच रहे हैं।

इनसेट

समय पर इलाज नहीं तो खतरे में जान

अमरोहा : आमतौर पर डायरिया एक हफ्ते में ठीक हो जाता है लेकिन अगर ये इससे ज्यादा समय तक रहे तो ये क्रॉनिक डायरिया कहलाता है। इसका इलाज समय पर न होने से ये खतरनाक भी हो सकता है, जान भी जा सकती है। हालांकि खानपान में सावधानी बरत कर इससे बचा जा सकता है।

इन दिनों पेट दर्द, उल्टी और दस्त के मरीज ज्यादा आ रहे हैं। मंगलवार को भी कई मरीजों को देखा गया। इनमें से छह-सात की हालत गंभीर देख उन्हें भर्ती कर लिया गया। उनका इलाज किया जा रहा है। हालत में सुधार है। मुहल्लों में फैले डायरिया के प्रकोप से बचने के लिए साफ-सफाई जरूरी है। ऐसे में पालिका को इस पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।

डॉ. मोहम्मद इद्रीश, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र।

डायरिया के कारण

पेट के कीड़ों या वैक्टेरिया के संक्रमण से।

वायरल संक्रमण के कारण।

आसपास सफाई ठीक न होने से।

शरीर में पानी की कमी होने से।

किसी दवाई के रिएक्शन से।

पाचन शक्ति कमजोर होने से।

डायरिया के लक्षण

जल्दी-जल्दी दस्त होना।

पेट में तेज दर्द होना।

पेट में मरोड़ पड़ना।

उल्टी आना।

बुखार होना।

कमजोरी महसूस होना।

डायरिया हो तो बदलें आहार

डायरिया के उपचार में आहार का बड़ा महत्व है। केला, चावल, सेब का मुरब्बा और टोस्ट का मिश्रण जिसे ब्राट कहते हैं, इसके इस्तेमाल से राहत मिलती है। केला और चावल आंतों की गति को नियंत्रित करने और दस्त को बांधने में सहायता करते हैं। सेब और केला में मौजूद पेक्टिन न केवल दस्त की मात्रा कम करता है बल्कि डायरिया को रोकने में भी प्रभावशाली भूमिका निभाता है। पर्याप्त मात्रा में तरल और अन्य पोषक पदार्थ लेना आवश्यक है।


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