कत्ल में सामने आई खाकी की कोताही
संवाद सहयोगी, हसनपुर: चकबंदी विभाग के लेखपाल के कत्ल की वजह पुलिस की कोताही भी निकलकर सामने आ रही
संवाद सहयोगी, हसनपुर:
चकबंदी विभाग के लेखपाल के कत्ल की वजह पुलिस की कोताही भी निकलकर सामने आ रही है। हत्यारे सप्ताह भर पहले से लेखपाल के पीछे लगे थे, मगर पुलिस ने तहरीर के बावजूद उस छोटी घटना को गंभीरता से नहीं लिया। जिससे लेखपाल की जान बच सकती थी।
चकबंदी विभाग के लेखपाल शम्भूराज सिंह व रविन्द्र सिंह जिस मकान में रहते हैं। उस मकान का ताला गत शानिवार के दिन भी तोड़ा गया था, परन्तु इत्तेफाक से उस दिन दोनों ही लेखपाल कमरे पर मौजूद नहीं थी। खास बात यह थी की मकान का किसी धारदार औजार से कुंदा काटकर अज्ञात लोग अन्दर घुसे थे, परन्तु चोरी कुछ नहीं हुआ था। इससे साफ जाहिर है कि गत शनिवार को भी हत्यारे लेखपाल को ठिकाने लगाने के लिए कमरे में दाखिल हुए थे। इस घटना की तहरीर भी मृतक लेखपाल ने कोतवाली में दी थी, मगर दूसरे मामलों की तरह कोतवाली पुलिस ने दस मामले में लेखपाल को भी टरका दिया और हत्यारे उसे ठिकाने लगाने में सफल हो गए। पुलिस छोटे मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई करती तो शायद लेखपाल की जान बच सकती थी।
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विश्वसनीय लोगों ने ठिकाने लगाया लेखपाल
हसनपुर : चकबंदी लेखपाल के कत्ल में उसके विश्वसनीय लोगों का हाथ लग रहा है। चूंकि मृतक द्वारा लिखे गए पत्र में पहले जिस व्यक्ति ने दरवाजा बंद किया था। उसी ने बाद में दरवाजा खोला और जबरन जहर की गोली खिलाई। यानी शुरू में लेखपाल ने कोई शोर नहीं मचाया। ना ही उसे उन लोगों से पहले जान का खतरा महसूस हुआ। तभी वह आसानी से लेखपाल के पास तक पहुंच गए।
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हरसंभव मदद करेगा विभाग
हसनपुर: लेखपाल की हत्या की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे जिला चक एवं बदोबस्त अधिकारी वीके जैन व सीओ संतोष तिवारी ने कहा कि लेखपाल के आश्रितों की चकबन्दी विभाग हरसंभव मदद करेगा। लेखपाल ने अपने पीछे पत्नी सुमित्रा तोमर के अलावा दो बेटी वंशिका व तेजल को छोड़ा है। लेखपाल का परिवार फिलहाल बुलंदशहर में रह रहा है। पत्नी का रोते रोते बुरा हाल है।