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सेहत पर बिजली का सितम

जागरण संवाददाता, अमरोहा: अब तो बिजली की आंखमिचौली सेहत के लिए भी खतरा बनती जा रही है। ग्रामीणों का र

By Edited By: Published: Sat, 18 Apr 2015 09:56 PM (IST)Updated: Sat, 18 Apr 2015 09:56 PM (IST)
सेहत पर बिजली का सितम

जागरण संवाददाता, अमरोहा: अब तो बिजली की आंखमिचौली सेहत के लिए भी खतरा बनती जा रही है। ग्रामीणों का रात का शुकून पूरी तरह से गायब हो गया है। केवल शहरी क्षेत्र के ही लोग मौज में हैं, जिन्हें शेड्यूल से ज्यादा बिजली मिल रही है।

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वैसे तो अमरोहा शहर में पंद्रह घंटे आपूर्ति का शेड्यूल है, लेकिन मौजूदा समय में उन्हें 18 से 20 घंटे की आपूर्ति हो रही है। थोड़ा सी भी आपूर्ति में गड़बड़ी होते ही कैबिनेट मंत्री महबूब अली सक्रिय हो जाते हैं। चूंकि दिन में सुबह 10 बजे से दोपहर 4 बजे तक आपूर्ति दी जाती है, इसलिए अस्पतालों में किसी तरह की दिक्कत नहीं होती। चूंकि इस समय काम का समय है इसलिए यदि आदमी बीमार भी है तो वह अपना काम सुलटाने में लगा है। लेकिन ग्रामीण अंचल की बात करें तो वहां की तस्वीर वाकई चौकाने वाली है। एक तो जर्जर तार, ओवरलोड ट्रांसफार्मर तथा लो वोल्टेज की समस्या गावं में बनी हुई है। यहां बिजली का आना और न आना एक बराबर है। वैसे भी गांवों को दस घंटे आपूर्ति दिए जाने के आदेश हैं, लेकिन तीन से चार घंटे आपूर्ति मिल जाए तो गनीमत है। हसनपुर तहसील क्षेत्र में बिजली का बुरा हाल है। विद्युत व्यवस्था सहीं न होने के कारण गर्मी में रात को लोग ठीक प्रकार से सो नहीं पा रहे हैं। जिसकी वजह से दिन में शरीर गिरा गिरा रहता है तथा ग्रामीणों में चिड़चिड़ापन बढ़ गया है। हसनपुर नगर क्षेत्र की स्थिति भी ठीक नहीं है। बिजली रात को नौ बजे आकर दो बजे भाग जाती है, बिजली भागते ही गर्मी व मच्छर नींद तोड ़देते हैं। उधर देहात क्षेत्र में रात को एक बजे से सुबह ग्यारह बजे तक का बिजली का शैडयूल है। जिसकी वजह से लोग रात को दो बजे तक नहीं सो पाते। बिजली का समय व्यवहारिक न होने तथा कम आपूर्ति मिलने की वजह से लोग परेशान हैं। गर्मी में बिजली की आख मिचौनी से अस्पतालों में रोगी व तीमारदार भी खासे परेशान हैं। ग्राम शिकरी भूड़ निवासी रामकुंवर सिंह का कहना है कि बिजली रात दिन रूला रही है। इन्वर्टर तक चार्ज नहीं हो पा रहे। बेगपुर मंडा निवासी मोतीराम का कहना है कि बिजली से बहुत परेशान है रात को बिजली के इंतजार में किसानों को नलकूपों पर जागकर रात गुजारनी पड़ती है। थोडी बहुत देर को आती है खेत में पानी सही से पहुंच भी नहीं पाता है इतने ही भाग जाती है। सोहरका के राजकुमार का कहना है कि बिजली न आने की वजह से गर्मी में नींद नहीं निकल पा रही है और न वह अपनी पढ़ाई ही ठीक ढंग से कर पा रहा है। वहीं शाहपुर कला निवासी बब्लू सिंह कहते है कि बिजली न आने के कारण पूरी दिनचर्या ही अस्तव्यस्त हो गयी है।


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