तैयार घरौंदे भी नहीं हो रहे रोशन
बदहाल सरकारी योजनाएं
किस्त---5
अमरोहा। हसनपुर में जन के लिए भले ही यह बड़ा धन है मगर सत्ता परिवर्तन के दंश ने इसे सफेद हाथी बना दिया है। वर्षो से गरीबों के यह 84 आशियाने तैयार हैं किन्तु सपा सरकार में इनके रोशन होने की उम्मीद की रोशनी धुंधली पड़ गई है। चूंकि अफसरों की प्राथमिकता से गरीबों के यह घरौंदे दूर हैं।
जी हां, योजना चाहे जनता के कितने ही फायदे की क्यों न हो। सरकार बदलने का दंश उसे सहना पड़ता है। ऐसा ही कांशीराम आवास योजना का हाल है। बसपा सरकार में तेजी से साकार हुए काशीराम कालोनी के ड्रीम प्रोजेक्ट की अब कोई सुध लेने वाला नहीं है।
इसकी बानगी शहर स्थित ब्लाक परिसर कालोनी के निकट बसपा राज में बने 84 आवास हैं। यह आवास आज भी गुलजार नहीं हुए हैं। पात्र इनके आवंटन की ओट जोह रहे हैं किन्तु सरकार बदलते ही अफसरों ने इस योजना से जुड़ी फाइल कोने में फेंक दी है।
हाल यह है कि काशीराम कालोनी में बने इन सभी आवासों की पुताई तक हो गई है। सिर्फ बात नगर पालिका की हैंडओवर प्रक्रिया पर अटकी हुई है। करोड़ों की लागत से बने इन आवासों का लाभ पात्रों को नहीं मिल रहा है।
पुरानी कालोनी में अव्यवस्था
बसपा शासन में अब्दुल्ला कालोनी में बने 276 आवास नगर पालिका ने पात्रों को आवंटित कर दिए थे किन्तु यहां रहने वाले लोगों की सुध भी अब कोई लेने वाला नहीं है। बुनियादी सुविधाओं के लिए यहां लोग अब तरस रहे हैं। सफाई, राशन, शिक्षा से जुड़ी यहां तमाम दिक्कतें हैं। वहीं कालोनी के स्कूल में सिर्फ शिक्षक तैनात है। वहीं एक से कक्षा पांच तक के बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा उठा रहा है।
उझारी में सुरक्षा राम भरोसे
नगर पंचायत उझारी में बनी काशीराम कालोनी में भी अब अफसर नहीं लौटते। इस कालोनी के वाशिंदे सुरक्षा व्यवस्था को लेकर परेशान हैं। यहां बने 144 आवास में रहने वाले अधिकांश लोगों के लिए सुरक्षा सबसे बड़ी समस्या है। बताते हैं कि यहां के लोगों ने इसी डर से करीब पांच दर्जन आवास दूसरों को किराए पर दे दिए हैं।