दफ्तरों में लौटने लगी रौनक
अमरोहा। सरकारी दफ्तरों में शनिवार को लगभग एक माह बाद रौनक नजर आई। अफसर अपनी सीटों पर बैठे तो कर्मियों ने भी अपने कक्षों में बैठे कर फाइलों की धूल साफ की। विभागाध्यक्षों से गाइड लाइन लेकर जवाब तैयार किए। कहीं मातहतों को भेजे तो कहीं उच्चाधिकारियों को भेजे गए।
दरअसल लोकसभा चुनाव को इस बार सरकारी मशीनरी पूरी तरह जुटी थी। पिछले एक माह से हाल यह था कि जैसे-जैसे मतदान की तिथि नजदीक आ रही थी, वैसे-वैसे ही सारा अमला विभागीय काम काज छोड़कर चुनावी ताम-झाम में लगता चला गया। अपने कुर्सी, कार्यालय, काम-काज सब पीछे छूट गए थे। यही हाल कार्यालय के मातहतों कर्मियों का रहा। चूंकि साहब नहीं थे, इसलिए विभागीय कोई कागज आगे खिसकाने का मतलब ही नहीं था। बहरहाल 17 अप्रैल को मतदान निबट गया। डीएम के द्वारा 16 से 18 अप्रैल तक के सरकारी कार्यालय बंद रहने के आदेश की अवधि भी शुक्रवार को खत्म होने के बाद शनिवार को सभी कार्यालय खुले। अधिकारी व कर्मचारी अपनी-अपनी सीटों पर बैठे। लोकसभा चुनाव ठीक-ठाक कराने की चेहरों पर खुशी थी तो चुनावी व्यस्तता में पिछड़े विभागीय काम को पटरी पर लाने का तनाव भी चेहरों पर हावी दिखा। सीएमओ डा विजय कुमार सिंह ने पचास से ज्यादा विभिन्न योजनाओं से जुडी फाइलों को देखने व हस्ताक्षर करने के बाद उन पर गाइड लाइन देकर आगे बढ़ाया। जिला विद्यालय निरीक्षक रवि दत्त भी शनिवार को इत्मीनान के साथ दफ्तर पर बैठे। विभागीय फाइलों को देखा और मातहतों को निर्देश देकर उन पर जवाब तैयार कराएं। यहीं नहीं वह यूपी बोर्ड परीक्षाओं के उत्तर-पुस्तिकाओं का मूल्यांकन का काम देखने केंद्रों पर भी पहुंचे। बता दें, डीआईओएस स्वीप के प्रभारी बनाए गए थे। मतदाता जागरूकता से जुड़े कार्यकम उन्हीं के द्वारा कराए गए। बीएसए कार्यालय में भी रौनक दिखाई दी। हालांकि गैर जनपद होने के कारण बीएसए कार्यालय नहीं आए, लेकिन उनके कार्यालय परिसर में खासी चहल पहल रही। यही स्थिति दूसरे सरकारी विभागों की रही।