मिनी सचिवालय बनाने का सपना रह गया धरा
मुसाफिरखाना: सरकार की पंचायत भवन को मिनी सचिवालय बनाने की योजना फि लहाल अधूरी ही रह गई है। आलम यह है
मुसाफिरखाना: सरकार की पंचायत भवन को मिनी सचिवालय बनाने की योजना फि लहाल अधूरी ही रह गई है। आलम यह है कि यहा के अधिकाश पंचायत भवन या तो जर्जर होकर खंडहर में तब्दील हो गए हैं या फि र ग्रामीणों के कब्जे में हैं।
ग्रामीणों की मानें तो विकास खंड के दर्जनों पंचायत भवन अतिक्रमण की चपेट में हैं। वहीं अधिकाश पंचायत भवन निष्प्रयोज्य होकर गिर रहे हैं। जबकि तीन वर्ष पूर्व प्रदेश सरकार ने पंचायत भवनों के कायाकल्प की योजना बनाई थी। मंशा थी कि पंचायत भवनों को मिनी सचिवालय का रूप देकर हाइटेक बनाया जाएगा, ग्रामीणों को मिनी सचिवालय पर ही सारी सहूलियतें दी जाएंगी, लेकिन सरकार की इस महत्वाकाक्षी योजना के लिए अभी तक सिर्फ योजनाएं ही बनी हैं जो कि हवा-हवाई ही साबित हो रहीं हैं। ग्रामीण क्षेत्र में पड़े बदहाल पंचायत भवनों के मरम्मतीकरण की मांग शासन-प्रशासन से कई बार कर चुके हैं। हालांकि अभी तक किसी भी पंचायत भवन में साफ -सफ ाई व्यवस्था तक चुस्त दुरुस्त नहीं है। क्षेत्र के रूदौली, भनौली, गुनौया, कंजास, पूरे प्रेमशाहपुर, पूरे मुहम्मद नेवाज समेत कई पंचायत भवन जर्जर होकर गिरने के कगार पर हैं। इस संबंध में एडीओ पंचायत रामजी मिश्र ने बताया कि पंचायत भवन पर हुए कब्जों की सूची ग्राम प्रधान से मांगी गई है। इसके साथ ही भवन की साफ-सफाई व रंग रोगन के लिए ग्राम प्रधान के खातों में पैसा भेजा गया है।