गंदगी के चलते मुह में कपड़ा बांधने को विवश लोग
मुसाफि रखाना : कहने को तो आदर्श नगर पंचायत है, लेकिन यहां कचरा व गंदगी घरों के मुहाने पर डंप है। ना
मुसाफि रखाना : कहने को तो आदर्श नगर पंचायत है, लेकिन यहां कचरा व गंदगी घरों के मुहाने पर डंप है। नालियां सफ ाई न होने के चलते चोक हैं। जिससे जल निकासी तक नहीं हो पा रही है। हैंडपंप पर कचरा व गंदा पानी सफ ाई व्यवस्था की पोल खोल रहा है। शिकायतों के बाद भी हालात नहीं बदल रहे है।
वर्ष 1983 में कस्बे को नगर पंचायत का दर्जा मिला। नगर पंचायत की आबादी लगभग दस हजार आंकी गई है। कु ल दस वार्ड बनाए गठित हैं हालाकि गंदगी के बीच कई वार्डो में नगरवासी रहने को आज भी मजबूर हैं। बात करते हैं नगर पंचायत के सब्जी मंडी वार्ड की। इस वार्ड की आबादी लगभग डेढ़ हजार के आस-पास है। लोगों की मानें तो वार्ड में पक्की नाली का निर्माण लाखों रुपए खर्च कर किया गया है। सीसी मार्ग व सड़क किनारे जल निकासी की व्यवस्था के लिए भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। बावजूद इसके वार्ड में गंदगी का साम्राज्य कायम है। नालियां चोक है वही वार्ड के बीचो-बीच आबादी वाले भूभाग में वर्षों से डंप कचरा व गंदगी ऐसी दुर्गंध फैला रही है। कोई भी आने-जाने वाला मुंह पर कपड़ा रखने को विवश हो जाय। सब्जी मंडी होने के नाते साप्ताहिक बाजार सोमवार शुक्रवार को बाजार होने के नाते सैकड़ों की भीड़ इसी कचरे से गुजरने को मजबूर है। मुहल्ले वासियों ने गंदगी व कचरे का ढेर हटाने की मांग कई बार नगर पंचायत प्रशासन से की, लेकिन गंदगी साफ नहीं की गई। अधिशाषी अधिकारी विजय शकर पांडे की मानें तो वार्ड में दो सफ ाई कर्मी तैनात हैं, फि र भी सफ ाई का ये अंदाज लोगों के गले नहीं उतर रहा है। रेलवे केबिन के पास बने पक्के नाले में कचरा ऊपर तक भर गया है। सफ ाई कर्मी इसे हटाने से कतराते हैं। कस्बेवासी रमेशचंद्र अग्रवाल, संजय अग्रहरि, अरूण आर्य, सुनील अग्रहरि, विजय आदि ने उप जिलाधिकारी अभय कुमार पांडे से सफ ाई व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रखने की माग की है।