भ्रष्टाचार के गढ्डों में पट गए सवा छह करोड़
तिलोई: कोई माने या ना माने लेकिन भ्रष्टाचार में लिप्त महकमे ने सरकारी खजाने का पूरा सवा छह करोड़ सड़क
तिलोई: कोई माने या ना माने लेकिन भ्रष्टाचार में लिप्त महकमे ने सरकारी खजाने का पूरा सवा छह करोड़ सड़क निर्माण में खर्च कर दिया। इसमें फूटी कौड़ी भी नहीं बचाया। यह दीगर बात है कि सड़क निर्माण में आधी तीही रकम ही लगाई गई। तभी तो छह माह में ही सड़क की गिट्टिया उखड़ गईं। गढ्डों में तब्दील हुई इन सड़कों ने भले ही महकमे की पोल खोल दी हो, लेकिन आलाधिकारियों की आंखें नहीं खुल सकीं हैं।
हम जिक्र कर रहे हैं सेमरौता-कठौरा मार्ग का। इसके निर्माण की मंजूरी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 2014 में मिली थी। इसका निर्माण होते ही धाधली शुरू हो गई। शिकायत पर शिकायत होती रही, लेकिन महकमा ठेकेदार की करतूतों पर पर्दा डालता रहा। निर्धारित समय के भीतर सड़क नहीं बन सकी। अधिकारी व ठेकेदार ने बंदरबांट कर आधा अधूरा निर्माण कर सरकारी धन को ठिकाने लगा दिया। जैसे तैसे लेट लतीफ से सड़क का निर्माण हुआ जो मानक के अनुरूप नहीं रहा। नतीजतन देखते ही देखते सड़क दुबारा गढ्डों में तब्दील हो गई। सड़क निर्माण में सरकारी खजाने का 6.25 करोड़ रुपये खर्च हो गया। फि र भी सड़क चलने लायक नहीं रही।
ठेकेदार ने अनुरक्षण राशि भी डकारा
पीएमजीएसवाई की गाइड लाइन के मुताबिक इस सड़क के अनुरक्षण का अनुबंध होता है। इसके मुताबिक 27.21 लाख की अनुरक्षण राशि आवंटित हुई। ठेकेदार व महकमे की साठ गांठ से यह रकम भी हजम हो गयी और मरम्मत नहीं हो सकी।
बदले निजाम से जागी कार्यवाही की आस
क्षेत्र के राजेश पांडे, चंद्रिका प्रसाद मौर्य, अवधेश मिश्रा, घनश्याम मिश्रा, क्षेत्र पंचायत सदस्य आदर्श कुमार मिश्रा, राजीव त्रिवेदी का कहना है कि सड़क निर्माण में हुई धाधली की तमाम बार शिकायत हुई फि र भी महकमे ने कार्यवाही तो दूर जाच तक करना मुनासिब नहीं समझा, लेकिन लोगों को अब उम्मीद जागी है।