लाखों खर्च फिर भी नहीं छूटा हाथ से लोटा
अमेठी, जागरण संवाददाता : एक दशक पहले सरकार ने लोगों को संपूर्ण स्वच्छता कार्यक्रम से जोड़ने के लिए नि
अमेठी, जागरण संवाददाता : एक दशक पहले सरकार ने लोगों को संपूर्ण स्वच्छता कार्यक्रम से जोड़ने के लिए निर्मल गावों को चयनित किया गया था। गाव में लाखों खर्च के बावजूद शौचालय तो बनाए गए, लेकिन उसका उपयोग घास फू स उपली रखने में कर रहे हैं।
एक दशक पहले केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से प्रत्येक ब्लाक के एक गाव को निर्मल गाव के रूप में चयनित किया गया था। अमेठी के बेनीपुर और संग्रामपुर के जरौटा गाव को निर्मल गाव के रूप में चयनित किया गया था। योजना के तहत गावों में शौचालय व गाव की सार्वजनिक नालियों को बनाकर जल निकासी की व्यवस्था की गई थी। योजना का प्रमुख उदेश्य लोगों को संर्पूण स्वच्छता कार्यक्रम से जोड़ा जाय। बेनीपुर में उत्कृष्ट कार्य के लिए ग्राम प्रधान को राष्ट्रपति से पुरस्कार भी मिला था। साल भर तक गाव के लोग कार्यक्रम से ठीक ठाक तरीके से जुड़े उसके योजना
धरातल की ओर चली गई। शौचालय की गुणवत्ता खराब होने के कारण उसका दुरुपयोग शुरू होने लगा। लोग शौचालय में घास फू स और उपली रखने लगे। नालिया मृत प्राय हो चुकी हैं।
इनकी भी सुनिए
सरकारी योजनाओं की खानापूर्ति की जाती है। जिसका नतीजा है कि साल भर में सरकार की महत्वाकाक्षी योजना बद से बदतर हो जाती है।
अरविंद कुमार पांडेय जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होनी
चाहिए। निर्मल गाव हो या अन्य गाव सभी जगह जिम्मेदार लोग अनियमितता करके सरकार को बदनाम करते हैं।
बब्लू खान
सरकारी योजना के बजट के खर्च के बाद जिम्मेदार लोगों पर कुछ वर्षो के लिए योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी होनी चाहिए। गड़बड़ी मिलने पर रिकबरी होनी चाहिए।
देवेंद्र सिंह
सरकार की महत्वाकाक्षी योजना के संचालन में पारदर्शिता होनी चाहिए। लाखों रुपये विकास के नाम पर खर्च हो जाते हैं और हालत जस के तस बनी रहती हैं। अंजनी पांडेय
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निर्मल गाव दस साल पहले चयनित किए गए थे। गाव में शत प्रतिशत शौचालय बनाने के साथ ही नाली निर्माण कार्य भी हुए थे। जागरूकता व देखरेख न होने से ऐसा हुआ है।
एसबी सिंह, डीपीआरओ, अमेठी