पानी में बह गए सिल्ट सफाई के लाखों रुपये
कंचन सिंह, गौरीगंज: सिल्ट सफाई के नाम पर एक बड़ा घोटाला सामने आ रहा है। बिना नहरों की सफाई किए उनमें
कंचन सिंह, गौरीगंज: सिल्ट सफाई के नाम पर एक बड़ा घोटाला सामने आ रहा है। बिना नहरों की सफाई किए उनमें पानी छोड़ दिया गया और सफाई के नाम पर करोड़ो रूपये डकार लिए गए। सफाई की हकीकत जानने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया था,लेकिन पानी आ जाने से उसे जांच का मौका तक नहीं मिल सका। मामले में जिम्मेदार कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
शासन ने 30 दिसंबर तक जिले की सभी रजबहों व माइनरों की सिल्ट सफाई करने के निर्देश दिए थे। इसके लिए जिलाधिकारी की अगुवाई में एक निगरानी समिति भी गठित की गई थी। स्वयं जिलाधिकारी ने सफाई से पहले व बाद में वीडियोग्राफी उपलब्ध कराने की बात कही थी,लेकिन नियमों को धता बताते हुए हुआ वहीं जो पिछले कई सालों से होता आ रहा है। सफाई की निर्धारित अवधि पूरा होने के पहले ही नहरों में पानी छोड़ दिया गया। इससे किसानों का भले ही भला न हुआ हो, लेकिन सफाई के काम में लगे ठेकेदारों व विभाग का जमकर भला हुआ। पानी आने के बाद यह पता ही नहीं लग पा रहा है कि सफाई की भी गई है या नहीं। मामले को लेकर जिम्मेदार अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
ये था प्रावधान
रजबहों की सफाई जेसीबी से कराई जानी थी। इसके लिए एक करोड़ 42 लाख रुपये का बजट जारी किया गया था। जबकि माइनरों की सफाई ग्राम पंचायतों के प्रस्ताव पर मनरेगा से होनी थी। इसके लिए दो करोड़ तेरह लाख का बजट जारी किया गया था।
बोले अभियंता
नहरों की सिल्ट सफाई के बारे में पूछे जाने पर अधिशाषी अभियंता खंड 41 आरपी सिंह ने कहाकि नहरों की सफाई कराई गई है। निगरानी समिति की जांच के बिना नहरों में पानी छोड़े जाने के बावत कहाकि जांच टीम को मिट्टी दिखाई देगी।
होगी जांच
जिलाधिकारी जगतराज ने कहाकि नहरों में सिल्ट सफाई का काम चल ही रहा था। तभी पानी आ गया। अगर कहीं नहरों की सिल्ट सफाई में खेल हुआ है तो जांच के बाद कार्रवाई होगी।