मुद्दा : पुल तो बना दिया, नहीं बन सका एप्रोच मार्ग
हांगीरगंज (अंबेडकरनगर) : दो जिले के कई गांवों व कस्बों को जोड़ने वाला पिकिया नदी पर सांसद निधि से बना
हांगीरगंज (अंबेडकरनगर) : दो जिले के कई गांवों व कस्बों को जोड़ने वाला पिकिया नदी पर सांसद निधि से बना पुल एप्रोच मार्ग दो वर्ष बाद भी न बन पाने से निष्प्रयोज्य है। ग्रामीणों की लंबी जद्दोजहद के बाद भी पुल आवागमन के लिए खुल न सका। इस बार यह समस्या बड़ा चुनावी मुद्दा बनी है। जहांगीरगंज विकास खंड के बैरी बुजुर्ग, देवापुर, गनेशपुर आदि कई गांवों को पिकिया नदी अन्य हिस्सों से विभाजित करती है। वैकल्पिक व्यवस्था के सहारे आवागमन करने वाले ग्रामीणों की लंबी मांग व संघर्षों के परिणाम स्वरूप संतकबीरनगर सीट से सांसद भीेष्मशंकर उर्फ कुशल तिवारी ने तीन फरवरी 2014 को यहां सहसा बैरी बुजुर्ग मार्ग पर पिकिया नदी पर पुल का शिलान्यास किया। इसी के साथ सांसद स्थानीय विकास निधि से करीब 50 लाख से अधिक की धनराशि भी निर्माण के लिए स्वीकृत कर दी। निर्माण का जिम्मा ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को सौंपा गया। निर्माण की गुणवत्ता को लेकर कई बार विवादों का साया भी मंडराया। ग्रामीण मुखर हुए तो कार्य भी रुका, फिर भी पुल बनकर तैयार हो गया। जब दोनों तरफ ऊंचाई के लेबल में मिट्टी की पटाई कर एप्रोच मार्ग बनाने की बारी आयी तो थोड़ी बहुत मिट्टी पाटकर औपचारिकता पूरी कर विभाग ने अपने कार्यों की इतिश्री कर लिया। इसका खामियाजा ग्रामीण आज भी भुगत रहे हैं, कारण पुल से सुचारु आवागमन शुरू नहीं हो पाया। अब विधानसभा चुनाव भी चल रहा है, लेकिन यहां दोनों तरफ की करीब 10 हजार आबादी इस समस्या का सामना करने को विवश है। कार्यदायी संस्था के क्षेत्रीय अवर अभियंता दयाराम यादव ने बताया कि एप्रोच मार्ग दूसरी निधि से बनना है। इसलिए विलंब हो रहा है। इसके निर्माण के लिए पूरी तरह से प्रयासरत हैं।
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जान जोखिम में डाल आवागमन मजबूरी-जहांगीरगंज : सहसा-बैरी बुजुर्ग मार्ग पर पिकिया नदी पर बने पुल का एप्रोच मार्ग नहीं बन सका तो ग्रामीणों को वर्षों पुराने जर्जर हो चुके पुल से ही जान जोखिम में डालकर आवागमन करना पड़ता है। बता दें कि लगभग 25 वर्ष पूर्व यहां ग्रामीणों ने खुद चंदा एकत्रकर और श्रमदान कर पुलिया का निर्माण कर डाला। इसके बाद उक्त पुलिया के जरिए इस पार के जहांगीरगंज कस्बे समेत सहसा, ¨सहपुर, अकथरा नरायनपुर, नया गांव समेत अन्य गांवों के लोगों का आवागमन उस पार बैरी बुजुर्ग समेत सीमावर्ती आजमगढ़ जनपद के भगतपुर, गो¨वदपुर, पचरी, भवानीपुर, भवनाथपुर सहित अतरौलिया कस्बे तक सीधे होने लगा। विवशता रही कि चारपहिया वाहन पुलिया से नहीं गुजर सकते थे। इसके लिए ग्रामीणों के लंबे संघर्ष के बाद जब सांसद निधि से नया व चौड़ा पुल बन गया तो एप्रोच मार्ग नहीं बन सका।
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पुल बना तो एप्रोच मार्ग नहीं बन सका, जिससे लोगों को काफी दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके लिए कई बार सीेधे मांग व पत्र व्यवहार के जरिए शासन प्रशासन से प्रयास किया फिर भी एप्रोच मार्ग नहीं बन सका।
-महेंद्र प्रताप वर्मा
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दो जनपदों के ग्रामीणों व गांवों को जोड़ने वाले मार्ग की यह उपेक्षा समझ से परे है। एप्रोच मार्ग बने तो राहत मिले और आवागमन सुचारु हो गए।
-रामनयन प्रजापति
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एप्रोच मार्ग बनकर पूरा हो जाए तो बड़ी राहत होगी। शादी-विवाह में चारपहिया वाहनों का आवागमन भी आसानी से शुरू हो सके।
-रामकृपाल वर्मा
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पुरानी पुलिया से आवागमन करते हुए हमेशा हादसे का भय रहता है। काश शासन-प्रशासन व जनप्रतिनिध भी हम लोगों के दर्द को समझ सके तो अच्छा होगा।
-अमरनाथ तिवारी