चुनाव में लगी डयूटी तो शादी व बीमारी का वास्ता
लोकसभा चुनाव में डयूटी लगते ही कई कर्मचारी बीमार हो गए। कुछ खुद को दुर्घटना का शिकार बता रहे तो कुछेक घरों में वैवाहिक आयोजन का वास्ता दे डयूटी से मुक्ति पाने की अर्जी लगा रहे हैं। ऐसे में जिला प्रशासन भी तू डाल-डाल तो मैं पात-पात वाले ढर्रे पर काम कर रहा है। वह गहन परीक्षण के बाद ही चुनावी डयूटी से छूट देने के मूड में है।
चुनावी डयूटी से मुक्त किए जाने को लेकर अब तक करीब दो सौ कर्मचारियों व अधिकारियों ने प्रार्थनापत्र दे रखा है। इस दौरान कुछ कर्मचारी हाथ-पैर में प्लास्टर लगा होने के कारण ड्यूटी कटवाने के लिए कलेक्ट्रेट स्थित राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र का चक्कर काट रहे हैं। चुनावी ड्यूटी से मुक्ति पाने के लिए अधिकांश लोगों ने खुद को अधिक उम्र, बीमारी व शारीरिक रूप से अक्षम बताया है। इनके बारे में हकीकत का पता लगाने को जिला निर्वाचन कार्यालय के निर्देश पर मुख्य चिकित्साधिकारी ने मेडिकल बोर्ड गठित कर दिया गया है। अबतक मेडिकल बोर्ड में 86 लोगों के आवेदन आए। इनमें दर्जनभर से अधिक को मेडिकल बोर्ड द्वारा चुनावी डयूटी से मुक्त किए जाने की संस्तुति मिली है। वहीं घर-परिवार में मांगलिक आयोजन के लिए भी छुट्टी मांगने वालों की कतार लंबी है। विक्रांत राय, उमेश वर्मा, राम दुलार मौर्य, रेखा सिंह, देवेंद्र कुमार सिंह, लल्लन सिंह, मेवालाल, नागेंद्र नारायण सिंह, पूनम व महेंद्र कुमार मौर्य आदि ने शादी का कार्ड लगाते हुए चुनावी डयूटी से मुक्त किए जाने का आवेदन किया है। चुनाव में कार्मिक अधिकारी के तौर पर तैनात जिला विकास अधिकारी मोहन लाल पटेल ने इन कार्डो पर लिखे नंबर पर कॉल करके आयोजन की पुष्टि किए जाने का निर्देश दिया है। इनका कहना है कि वृद्धावस्था की महिलाओं को चुनावी ड्यूटी से मुक्त किए जाने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा अन्य आवेदनपत्रों के निस्तारण में मेडिकल बोर्ड व उच्चाधिकारियों के निर्देश पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।