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एआरटीओ कार्यालय में लटका ताला

अंबेडकरनगर : शासन स्तर से कर्मचारियों के बड़े पैमाने पर हुए तबादले का असर जिले के सहायक

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Aug 2017 11:59 PM (IST)Updated: Sat, 19 Aug 2017 11:59 PM (IST)
एआरटीओ कार्यालय में लटका ताला
एआरटीओ कार्यालय में लटका ताला

अंबेडकरनगर : शासन स्तर से कर्मचारियों के बड़े पैमाने पर हुए तबादले का असर जिले के सहायक संभागीय परिवहन विभाग पर भी पड़ा है। यहां तैनात चार पटल सहायकों तथा दो प्रवर्तन आरक्षियों का तबादला होने के बाद विभाग के कार्यालय में ताला लटक गया। ऐसे में परिवहन विभाग को लाखों के राजस्व नुकसान के साथ वाहन स्वामियों को बड़ा खामियाजा चुकाना पड़ सकता है। समय से पंजीयन, लाइसेंस, परमिट नवीनीकरण नहीं कराने तथा टैक्स आदि चुकता नहीं करने की दशा में विलंब शुल्क अदा करना पड़ेगा।

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एआरटीओ कार्यालय में तैनात प्रवर्तन दल के आरक्षी अमित ¨सह का तबादला बस्ती जनपद तथा सोमनाथ का गोंडा जनपद में होने के अलावा वरिष्ठ सहायक जितेंद्र ¨सह का तबादला गोंडा तथा कनिष्ठ सहायकों में राजकुमार श्रीवास्तव का तबादला देवरिया जनपद में, पारसनाथ और राकेश कुमार का तबादला सुल्तानपुर होने के बाद एआरटीओ ने गत शुक्रवार को ही सभी स्थानांतरित कर्मचारियों को कार्यमुक्त कर दिया। यहां खाली हुए पदों पर प्रवर्तन दल में एक आरक्षी रायबरेली जनपद से तथा दूसरा सीतापुर जनपद से स्थानांतरित कर नवीन तैनाती दी गई है। वहीं कार्यालय सहायकों में दो कर्मियों को अमेठी तथा एक को बाराबंकी से यहां नई तैनाती दी गई है। जबकि एक पद अभी भी खाली रह गया है। उक्त कर्मियों के शनिवार को कार्यभार ग्रहण नहीं किए जाने से कामकाज पूरी तरह ठप रहा। वरिष्ठ सहायक रामलखन तबादला नीति में नहीं आए तो इकलौते कर्मचारी के नाम पर वही बचे रह गए हैं। हालांकि उनका पटल भी शनिवार को सूना रहा। कार्यालय के सभी पटलों पर ताला बंद रहा और यहां आने वाले लोगों को मायूस होकर लौटना पड़ा। कार्यालय में अकेले जूझ रहे एआरटीओ केएन ¨सह ने बताया कि स्थानांतरित सभी कर्मचारियों को कार्यमुक्त कर दिया गया है। नव तैनाती पाए कर्मचारियों के कार्यभार ग्रहण करने के बाद ही स्थिति सामान्य होगी।

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-ऑनलाइन होगा काम, ऑफलाइन ठप-

परिवहन विभाग के कार्यालय में सभी पटल सहायकों के स्थानांतरित होने के बाद विभाग सिर्फ ऑनलाइन होने वाले कामकाज को ही जारी रखने में सक्षम है। जबकि कार्यालय स्तर पर ऑफलाइन होने वाला काम पूरी तरह से ठप है। ऐसे में वाहनों का टैक्स, फिटनेस तथा परमिट हासिल करने के लिए वाहन स्वामियों को मुसीबत हो रही है। इससे इतर वैधता तिथि बीतने के उपरांत विभागीय फेरबदल का खामियाजा वाहन स्वामियों को विलंब शुल्क अदा कर चुकाना होगा।


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