तो विद्यालय की साख पर भी लग गया बट्टा
अंबेडकरनगर : गंवई सियासत ने एक झटके में उच्च प्राथमिक विद्यालय नसीरपुर छितौना की वर्षों बन
अंबेडकरनगर : गंवई सियासत ने एक झटके में उच्च प्राथमिक विद्यालय नसीरपुर छितौना की वर्षों बनी बनाई साख पर बट्टा लगा दिया। शिक्षा क्षेत्र जहांगीरगंज का यह विद्यालय यहां तैनात शिक्षकों के
प्रेरणादायी कार्यों से पूरे क्षेत्र में स्वच्छता व उत्कृष्ट शैक्षिक कार्यों के लिए अपनी खास पहचान रखता है। पूर्व में यहां एक ही परिसर में ही स्थित प्राथमिक विद्यालय में तैनात रहे सेवानिवृत्त शिक्षक परमहंस यादव उत्कृष्ट कार्यों के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किए जा चुके हैं। ऐसे ही होनहार शिक्षकों की बनी बनाई विरासत अब भी यहां कायम है, लेकिन सोमवार को विद्यालय में हुई एक सामान्य दंडात्मक घटना ने अनेक
सवाल खड़े कर दिए। गौरतलब है कि नसीरपुर निवासी कक्षा छह में अध्यनरत छात्र सूर्यकांत प्रजापति की कुछ शिक्षकों ने पिटाई कर दी। पिटाई का जो कारण बताया गया, यदि वह सही है तो यह कहीं न कहीं से दूषित हो रहे बाल-मन की तरफ गंभीर संकेत दे रहा है। बताया गया की छात्र द्वारा विद्यालय की किसी छात्रा को ऐसा पत्र दिया गया, जिस में लिखे गए शब्द कत्तई मर्यादित नहीं कहे जा सकते। हालांकि उक्त पत्र खंड शिक्षा अधिकारी शैलेंद्र तिवारी के कब्जे में है। कई दिनों से ऐसे मामले संज्ञान में आने की बात रही तो शिक्षकों ने निगरानी शुरु की तो उक्त पत्र शिक्षकों के हाथ लगा। इसके बाद वर्तमान व्यवस्थाओं के तहत अपराध की श्रेणी में आने वाला कृत्य शिक्षकों ने कर दिया, मामले में आचरण संबंधी गंभीर दोष सामने आने पर शिक्षकों ने छात्र के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई करते हुए उसकी पिटाई कर दी। हालांकि शिक्षक इसे सामान्य दंडात्मक कार्रवाई बताते हैं, लेकिन इसी मामले में जो बखेड़ा खड़ा किया तो गुरु व शिष्य की परंपरा में पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। खैर, एक बात तो तय है कि छात्र का कृत्य जायज नहीं था, लेकिन उसके बाद शिक्षकों ने जिस तरह का कार्य किया वह भी ¨नदनीय है।हालांकि कुछ लोग इसे गंवई राजनीति का हिस्सा बता रहे हैं।