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काम छोड़कर भागी संस्था पर मेहरबान डीआरडीए

अंबेडकरनगर : माननीयों की विकास निधि से सोलर लाइट लगाए जाने में जिला ग्राम्य विकास विभाग फिर से ¨जदा

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Jul 2017 05:07 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jul 2017 05:07 PM (IST)
काम छोड़कर भागी संस्था पर मेहरबान  डीआरडीए
काम छोड़कर भागी संस्था पर मेहरबान डीआरडीए

अंबेडकरनगर : माननीयों की विकास निधि से सोलर लाइट लगाए जाने में जिला ग्राम्य विकास विभाग फिर से ¨जदा मक्खी निगलने को जुट गया है। डीआरडीए की ओर से उसकी कार्यदायी संस्था का चयन किया जा रहा है, जो कि विगत वर्षों में विधायक निधि से काफी ऊंची कीमत पर लाइट लगाने तथा शिकंजा कसने पर अधर में काम छोड़कर गायब हो चुकी थी। हालांकि जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक की संस्तुति पर फिलहाल मुख्य विकास अधिकारी ने अनुमोदन नहीं दिया है।

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गौरतलब है कि पूर्ववर्ती सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे शंखलाल मांझी तथा तत्कालीन टांडा विधायक अजीमुलहक पहलवान की विधायक निधि के प्रस्ताव पर सोलर लाइट लगाए जाने के लिए कार्यदायी संस्था लघु उद्योग निगम को नामित किया गया था। जानकारी के मुताबिक माननीय ने इसे कार्यदायी संस्था बनाए जाने के लिए अपने प्रस्ताव में ही जिक्र किया था। लिहाजा डीआरडीए की ओर से नेडा को दरकिनार कर उक्त संस्था को कार्यदायी बनाया गया। ऐसे में प्रति सोलर लाइट लगाए जाने के लिए नेडा की ओर से तत्समय तकरीबन 19 हजार रुपये का स्टीमेट रहा जबकि उक्त कार्यदायी संस्था ने लगभग 38 हजार रुपये में एक लाइट लगाए जाने का स्टीमेट दिया। हालांकि दोगुनी लागत पर काम करते हुए सोलर लाइट लगाने में भी देरी हुई तो तत्कालीन सीडीओ मन्नान अख्तर ने मामले की जांच शुरू की। उधर जांच तेज होते ही कार्यदायी संस्था सोलर लाइट लगाने का काम अधर में छोड़ गायब हो गई। हालांकि बाद में मामले को ठंडे बस्ते के हवाले कर दिया गया। सत्ता के साथ ही अधिकारियों के बदलने के बाद एकबार फिर उक्त कार्यदायी संस्था ने दस्तक दी है। टांडा विधानसभा क्षेत्र के चांदपुर गांव में ओमप्रकाश वर्मा के घर के सामने करीब एक लाख रुपये में सोलर लाइट लगाए जाने के लिए डीआरडीए ने इसी संस्था को काम सौंपने की संस्तुति की। खास बात है कि उक्त कार्यदायी संस्था के पिछले क्रियाकलाप को दरकिनार कर अधिकारियों ने नए सिरे से आजमाने तथा बाद में और काम दिए जाने पर सहमति जताई है। मुख्य विकास अधिकारी ओपी आर्य ने कहा कि उक्त कार्यदायी संस्था को फिलहाल काम नहीं दिया गया है। नेडा की ओर से अभी टेंडर कराए जाने में असमर्थता जताई जा रही है। नेडा के अधिकारियों से वार्ता कर कुछ दिनों में लाइट लगवाई जाएगी।


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