रियलिटी चेक : साढ़े दस बजे तक दफ्तर में नहीं बैठे बीडीओ साहब
अंबेडकरनगर : शासन की मंशा एवं मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि सभी विभागाध्यक्ष अधिकारी प्रात: नौ
अंबेडकरनगर : शासन की मंशा एवं मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि सभी विभागाध्यक्ष अधिकारी प्रात: नौ से 11 बजे तक अपने कार्यालय में बैठ जनता की समस्याओं को सुनें। साथ ही उनका यथोचित निराकरण कराएं, लेकिन शासन के फरमान का आलापुर के सरकारी कार्यालयों में खास असर नहीं दिख रहा है। जागरण टीम क्षेत्र पंचायत कार्यालय/विकास खंड मुख्यालय रामनगर पहुंची तो वहां का नजारा ही हैरान करने वाला रहा। फरियादी हाकिम से मिलने की बांट जोह रहे थे। ऐसे में जनसुनवाई किस कदर हो रही है, इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है। बुधवार सुबह 9.50 बजे खंड विकास अधिकारी कर्मराज के कार्यालय के दोनों दरवाजे बंद थे। वहीं अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा सेल के कक्ष की कुर्सी भी अधखुले दरवाजे से खाली दिखाई पड़ रही थी। कार्यालय में लिपिक अजय ¨सह मनरेगा कर्मी बृजभूषण मिश्र, सहायक लेखाकार प्रकाशचंद्र, सहायक विकास अधिकारी सहकारिता बालकृष्ण यादव, लिपिक सतीश तिवारी सहित कई अन्य कर्मी बैठे कामकाज निपटा रहे थे। लेखाधिकारी कक्ष में वरिष्ठ लेखाकार जितेंद्र पांडेय, बीओ पीआरडी अशोक कुमार ¨सह बैठे लोगों की समस्याएं सुन रहे थे। बगल के कक्ष में सहायक विकास अधिकारी पंचायत रमाकांत मिश्र, ग्राम विकास अधिकारी बृजेश वर्मा व रवि पटेल से उनके ग्राम पंचायतों से संबंधित शिकायतों के निस्तारण की स्थिति की जानकारी कर उसका निदान कराने का सुझाव दे रहे थे। कई अन्य कर्मी भी कार्यालय आ-जा रहे थे। 10 बजेकर 40 मिनट पर उर्दू अनुवादक अनवर कार्यालय पहुंचे। पूछने पर बताया कि उनकी बाइक रास्ते में खराब हो गई थी। बीडीओ ब्लॉक परिसर में ही स्थित आवास पर होने के बावजूद लगभग साढ़े दस बजे तक कार्यालय में बैठना मुनासिब नहीं समझे। लखनीपटटी ग्राम पंचायत के मजरे गोविनापुर निवासी रामू व कटारगढ़ गांव निवासी अनिल कुमार तथा अन्नापुर गांव निवासी आलोक कुमार एवं रामनगर निवासी ¨पटू वर्मा सहित कई अन्य फरियादी खंड विकास अधिकारी व ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों से मिलने आए थे। बुधवार को ही विकासखंड की कर्मचारियों की साप्ताहिक समीक्षा बैठक भी होती है। बीडीओ से जब अनुपस्थिति के बारे में पूछा गया कि जनसुनवाई के समय आपके कार्यालय कक्ष में दरवाजा बंद है तो उन्होंने बताया कि वह परसौली गांव में चकमार्ग संबंधी एक विवाद के बारे में गए हैं, लेकिन जब उनसे यह पूछा गया कि आपका सरकारी वाहन तो यहीं ब्लॉक परिसर में ही है तो वह बात बदलते हुए बोले कि गांव से वापस आ गया हूं। अब जिला मुख्यालय पर मी¨टग में जा रहा हूं।