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बेमौत मरें लोग, माननीयों की बला से

अंबेडकरनगर : हेपेटाइटिस नामक खतरनाक बीमारी की चपेट में क्षेत्र में अब तक सौ से अधिक लोगों की मौत हो

By Edited By: Published: Tue, 21 Feb 2017 10:29 PM (IST)Updated: Tue, 21 Feb 2017 10:29 PM (IST)
बेमौत मरें लोग, माननीयों की बला से
बेमौत मरें लोग, माननीयों की बला से

अंबेडकरनगर : हेपेटाइटिस नामक खतरनाक बीमारी की चपेट में क्षेत्र में अब तक सौ से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन जनता की नुमाइंदगी का दावा करने वाले माननीयों की इसकी फिक्र नहीं है।

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जलालपुर विधानसभा क्षेत्र के नेता पाला बदलकर चुनावों में अपनी रोटी तो सेंक लेते हैं, लेकिन हेपेटाइटिस से होने वाली मौतों को लेकर गंभीर नहीं हैं। यही कारण है कि इस बीमारी से बचाव और पीड़ितों की मदद की दिशा में सरकारी स्तर से पहल गौण है। हेपेटाइटिस को चोर रोग की संज्ञा दी जाती है। कारण इसका प्रभाव पहले दिखता नहीं, जब असर ज्यादा हो जाता है तो पीड़ितों को जान के लाले पड़ जाते हैं। संक्रामक बीमारी होने के कारण इससे पीड़ितों की तादाद लगातार बढ़ रही है। अधिकांश लोग इस बारे में बताने से गुरेज करते हैं, लेकिन तमाम ऐसे लोग भी हैं जो इलाज के लिए हर हफ्ते प्रदेश व देश के बड़े चिकित्सा संस्थानों तक दौड़ लगा रहे। इलाज महंगा होने के कारण गरीब परिवार के लोग जल्द ही काल का ग्रास बन जाते हैं। जबकि, आर्थिक रूप से संपन्न लोग इलाज के दम पर कुछ दिनों तक खतरा टाल ले जाते हैं। हैरत की बात यह है कि यहां से विधायक बनने के बाद लोग कभी इस बीमारी की न तो चर्चा सदन या सरकार स्तर पर करते हैं और न ही पीड़ितों की मदद को आगे आते हैं। ऐसे में दर्जनों परिवार तबाह हो चुके हैं। यह बीमारी प्रमुख रूप से जल प्रदूषण और संक्रमित मरीज द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले इंजेक्शन, ब्लेड आदि से फैलती है।

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तमसा से बढ़ रहा जल प्रदूषण

जलालपुर : नगर व क्षेत्र में जल प्रदूषण का सबब बनी तमसा नदी, जिसका पानी दशकों पूर्व से महज इसलिए प्रदूषित है। क्योंकि औद्योगिक नगरी में कपड़ों की रंगाई में प्रयोग किए जा रहे जहरीले रंगों का सीधा संपर्क नदी है। वहीं जनपद मुख्यालय के आगे से स्थापित फैक्ट्री के कचरे भी तमसा को मैली कर रहे हैं।

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नहीं मिल रहा साफ पानी-जलालपुर : नगर की पाइप लाइनों से घरों को पहुंचने वाला पानी भी साफ नहीं है। कारण दशकों पुरानी पाइप लाइन लीकेज के कारण नालियों का कचरा उसमें चला जाता है। इसके बाद यही पानी घरों तक पहुंच रहा।

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दशक भर पहले ही हम लोगों ने प्रदेश व केंद्र सरकार को पत्राचार कर हेपेटाइटिस फैलने की जानकारी दी। लेकिन, नगपुर के तत्कालीन अधीक्षक द्वारा लीवर रोग के बाबत शासन को भेजी गई निगेटिव रिपोर्ट से वह चुप बैठ गया।

-राजेश मिश्र

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काफी महंगा इलाज है। अब सभी मरीजों के इलाज के लिए केंद्र सरकार पहल करे। कम से कम एक करोड़ का पैकेज बीमारों के इलाज के लिए प्रदेश सरकार की सहयोग दिलावे।

नसीम अहमद

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गलियों और नालों की बेहतर सफाई व पाइप लाइनों की मरम्मत से ही शुद्ध पेयजल की सप्लाई संभव है। इसके लिए पालिका प्रशासन को विशेष तौर पर ध्यान देना चाहिए।

-जावेद अहमद

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सरकारी अभियान व अरुणिमा फाउंडेशन के सहयोग से अब तक वर्ष भर के अंदर दो लाख से अधिक को टीकाकरण कराया जा चुका है। यही नहीं हेपेटाइटिस चिह्नित मरीजों के मुफ्त इलाज के लिए भी शासन स्तर पर समाजसेवी संगठन के माध्यम से पत्राचार किया गया है। हेपेटाइटिस सी का जल प्रदूषण से कोई लेना-देना नहीं है।

-डॉ. अतीक आलम, चिकित्सक


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