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मुद्दा : ¨सचाई के साधन दे रहे दगा, अन्नदाता जा रहा ठगा

अंबेडकरनगर : कटेहरी विधानसभा क्षेत्र में स्थित राजकीय नलकूपों में 60 फीसद से अधिक एक दशक से खराब है

By Edited By: Published: Mon, 20 Feb 2017 10:45 PM (IST)Updated: Mon, 20 Feb 2017 10:45 PM (IST)
मुद्दा : ¨सचाई के साधन दे रहे दगा, अन्नदाता जा रहा ठगा
मुद्दा : ¨सचाई के साधन दे रहे दगा, अन्नदाता जा रहा ठगा

अंबेडकरनगर : कटेहरी विधानसभा क्षेत्र में स्थित राजकीय नलकूपों में 60 फीसद से अधिक एक दशक से खराब हैं। यह हाल तब है जबकि क्षेत्र के अन्नदाताओं की किसानी इसी पर आधारित है। इस दौरान लोकसभा व विधानसभा के चार चुनाव हुए, लेकिन यह समस्या कभी प्रभावशाली चुनावी मुद्दा नहीं बन सकी। हालांकि प्रत्याशियों के समक्ष यह समस्या किसानों द्वारा उठायी गयी थी, जिसे आश्वासनों के शोर में दबा दिया गया। इस बार किसान इसे मजबूती से मुद्दा बनाने की तैयारी में हैं। उक्त विधानसभा क्षेत्र तीन विकास खंडों कटेहरी, भीटी व टांडा आंशिक क्षेत्र में फैला है। कटेहरी के 90, भीटी के 120 तथा टांडा के 10 राजकीय नलकूप इस विधानसभा क्षेत्र में स्थित हैं। कुल 220 नलकूपों में 140 खराब हैं। हौज, नाली, कुलाबे क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। इनके चारों तरफ झाड़ियां उगी हैं। केबिल, मोटर, ट्रांसफार्मर तक क्षतिग्रस्त हैं। आलम यह है कि ये नलकूप एक दशक से पानी नहीं उगल पा रहे हैं। इससे किसानों के खेतों की ¨सचाई नहीं हो पा रही है। अन्नदाताओं की इस अहम समस्या को किसी जनप्रतिनिधि ने तवज्जों नहीं दी। ऐसे में किसानों के समक्ष ¨सचाई की समस्या बनी हुई है। विभागीय अभिलेखों में खेल कर अधिकांश नलकूपों की सेहत दुरुस्त दर्शायी गयी है, लेकिन धरातल पर वास्तविकता इससे इतर है।

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किसानों को अब आंदोलन का अस्त्र उठाना पड़ेगा, तभी जनप्रतिनिधियों को उनकी जिम्मेदारी का अहसास होगा। सरकारें रिकार्डों में किसानों का मसीहा बनकर उन्हें गुमराह करती हैं और लंबे-चौड़े भाषण से अपनी पीठ थपथपाती हैं, जबकि सरकारी योजनाएं शैशवकाल में ही दमतोड़ जाती हैं।

-रोहित यादव

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देश का पेट भरने वाले हम किसान हमेशा उपेक्षा का शिकार होते हैं। वक्त आ गया है कि अपनी समस्याओं को आगे रखकर प्रत्याशियों को सबक सिखाएं। चुनाव के दौरान सभी प्रत्याशी किसानों की समस्याओं के प्रति फिक्रमंद होने का दावा करते हैं, लेकिन चुनाव बाद भूल जाते हैं।

-हरिनारायण गोस्वामी

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क्षेत्र व किसान का विकास नदी के दो छोर जैसी हो चुका है। इसका कारण जनप्रतिनिधि हैं। हमें ऐसी सरकार व जनप्रतिनिधि का चुनाव करना है, जो क्षेत्र, प्रदेश, किसान व युवा को विकास की दिशा में ले जाए। हमें ऐसे प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करना है।

-गुडलक ¨सह

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लोकतंत्र में मतदान की ही असल भूमिका होती है। ऐसे में हमें उस प्रतिनिधि के पक्ष में मतदान करना चाहिए, जो क्षेत्र व उसकी प्रत्येक समस्या को अपना दर्द समझे और इसके निराकरण के लिए अपना शत-प्रतिशत लगा दे, तभी क्षेत्र व प्रदेश क विकास मुमकिन होगा।

-भोलेंद्र उर्फ चप्पू ¨सह


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