हुसैन से प्रेम करने वालों से करना मोहब्बत
अंबेडकरनगर : अय्याम-ए-अजा के अंतिम सप्ताह में मजलिसों मातम के साथ ही जुलूस-ए-गम का क्रम शिखर पर पहुं
अंबेडकरनगर : अय्याम-ए-अजा के अंतिम सप्ताह में मजलिसों मातम के साथ ही जुलूस-ए-गम का क्रम शिखर पर पहुंच गया है। प्रत्येक दिन जनपद में जुलूस-ए-अमारी का कार्यक्रम व्यापक स्तर पर अंजमनों द्वारा आयेाजित किए जा रहे है। इसी सिलिसले की एक और कड़ी अकबरपुर तहसील के वाजिदपुर गांव में मातमी जुलूस के साथ पूरी हुई। शनिवार को यहां अंजुमन मासूमिया की सरपरस्ती में दिन भर नौहो मातम का दौर चला। आगाज स्थानीय अंजुमन मासूमिया व बूढ़न की अंजुमन ने संयुक्त रूप से किया। इसके बाद मौलाना वसी अल्लाह ने अल्लाहतआला से दुआ किया था कि जो मेरे हसन व हुसैन से मोहब्बत करें, उससे तू मोहब्बत करना। मातम के लिए अंजुमन परचम-ए-अब्बास, रन्नो जौनपुर, शब्बीरिया जोड़पुर सुल्तानपुर, हैदरिया अब्दुल्लाहपुर आदि शामिल रहे। इस मौके पर बाकर हुसैन, जमीन अब्बास, नब्बन, दिलावर आदि मौजूद थे।
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-इसाल-ए-सवाब की मजलिस- अंबेडकरनगर : नगर के मीरानपुर इमाम बारगाह में मजहर हुसैन द्वारा आयोजित इसाल-ए-सवाब की मजलिस को संबोधित करते हुए मौलाना मोहम्मद असगर शारिब ने कहा कि वास्तविक अर्थों में शिया वही है, जो अल्लाह रसूल, कुरान के साथ अहलेबैत के दिखाए मार्ग पर चलें। अंजुमन अकबरिया ने नौहाख्वानी व सीनाजनी किया।