ग्रामीणों का रुख भांप बैरंग लौटी टीम
अंबेडकरनगर) : मंदिर की भूमि पर कब्जा दिलाने पहुंची प्रशासन की टीम ग्रामीणों का रुख भांपकर बैरंग लौटन
अंबेडकरनगर) : मंदिर की भूमि पर कब्जा दिलाने पहुंची प्रशासन की टीम ग्रामीणों का रुख भांपकर बैरंग लौटने को विवश हुई। मामला थाना राजेसुल्तानपुर के चाडी़पुरघाट पर बने राम जानकी मंदिर का है। सैंकड़ों वर्ष पूर्व बने इस प्राचीन मंदिर के नाम लगभग 10 बीघा भूमि है। खुद को प्रधान पुजारी बताकर अयोध्या के एक साधु ने इस पर अपना अधिकार स्थापित कर लिया और कुछ भूमि का बैनामा भी कर दिया। इसका विरोध ग्रामीणों करते हुए ग्रामीण मंदिर पर पुजारी को नियुक्त करके पूजा-अर्चना कराने लगे। यह बात उक्त साधु को नागवार गुजरी। उन्होंने इसकी शिकायत शासन स्तर पर की। इसकी जांच करने अपर जिलाधिकारी, एसडीएम सदर, तहसीलदार व लेखपाल तथा स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची। ज्यों ही ग्रामीणों को मंदिर से पुजारी को बेदखल कराने की जानकारी हुई। सैकड़ों लोगों की भीड़ एकत्र हो गयी। ग्रामीणों ने कब्जा लेने पहुंचे पक्ष को जमकर खरी-खोंटी सुनायी। ग्रामीणों का रुख देखते हुए प्रशासनिक टीम जांच पड़ताल कर वापस चली गयी। ग्राम प्रधान मयाराम ने बताया हम सैकड़ों लोगों ने प्रशासनिक टीम को सभी तथ्यों से अवगत करा दिया, जिससे टीम वापस चली गयी। अपर जिलाधिकारी रामसूरत पांडेय ने बताया कि मैं प्रशासनिक अमले के साथ केवल दर्शन करने गया था, कोई कार्रवाई करने नहीं।
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वर्चस्व को लेकर चल रहा विवाद-आलापुर : चाडी़पुरघाट पर बने मंदिरों के पास अकूत जायदाद होने के कारण आए दिन वर्चस्व को लेकर विवाद हो रहा है। यहां रहे संत की मौत के बाद से इस स्थान पर विवादों की छाया मंडराने लगी। इसको लेकर दर्जनों मुकदमें न्यायालयों मे दाखिल हो गए हैं। यदि प्रशासन गंभीर नहीं हुआ तो कभी भी कब्जेदारी को लेकर जंग हो सकती है। थानाध्यक्ष राजेसुल्तानपुर अनिल कुमार यादव ने बताया कि मंदिर पर विवाद की जो भी शिकायत आती है, मौके पर पहुंचकर निस्तारण किया जाता है। बिना न्यायालय के आदेश के किसी को बेदखल नहीं किया जाएगा।