नवनिर्मित सड़कों के मापांकन में खेल
अंबेडकरनगर : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत विकासखंड भियांव में वित्तीय
अंबेडकरनगर : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत विकासखंड भियांव में वित्तीय अनियमितता किए जाने का मामला पकड़ में आया है। नवनिर्मित सड़कों का टुकड़ों में मापाकंन किए जाने के साथ ही निर्माण से अधिक करीब 65 हजार रुपये के भुगतान का प्रयास पकड़ा गया है। यहां मानक तथा गुणवत्ता के साथ भी खिलवाड़ किया गया है। प्रकरण में मनरेगा तकनीकी सहायक को दोषी मानते हुए खंड विकास अधिकारी ने आरोपपत्र के साथ ही स्पष्टीकरण नोटिस जारी किया है। माना जा रहा है कि मनरेगा तकनीकी सहायक के सेवा पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है।
विकासखंड भियांव की ग्राम पंचायत अहिरौली में मनरेगा योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2016-17 में एकडल्ला सेक्टर मार्ग से गुलरहा सरहद तक करीब 1200 मीटर लंबाई में मिट्टी पटाई पर तीन लाख 94 हजार रुपये की कार्ययोजना बनी थी। तकनीकी सहायक ने उक्त मार्ग पर करीब तीन लाख 74 हजार 448 रुपये खर्च होने का दावा करते हुए अपने मापांकन में 75 सेंटीमीटर की ऊंचाई में संपर्क मार्ग का निर्माण पूरा बताया। जबकि ब्लाक कार्यक्रम अधिकारी की ओर से लघु ¨सचाई विभाग के अवर अभियंता से इसकी जांच कराई गयी तो मौके पर तकनीकी सहायक के दावे और मानक के विपरीत कम निर्माण पाया गया। मौजूदा स्थिति के अनुसार जांच के दौरान उक्त निर्माण पर करीब तीन लाख 10 हजार 204 रुपये ही खर्च होने क पुष्टि हुई। लिहाजा 64 हजार 728 रुपये का उक्त मार्ग पर अधिक मूल्यांकन करते हुए शासकीय धन के अपव्यय और दुरुपयोग का तकनीकी सहायक को दोषी माना गया है।
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-नवनिर्मित पूरी सड़क का अधूरा मापांकन-
अंबेडकरनगर : ग्राम पंचायत आशापार में भी इसी वित्तीय वर्ष के दौरान सेक्टर मार्ग से शेषनाथ ¨सह के चक से दक्षिणी सेक्टर मार्ग तक महज 65 मीटर मार्ग के निर्माण का मापांकन किया गया है। जबकि जांच के दौरान उक्त मार्ग का 500 मीटर निर्माण पूरा पाया गया। इसके अलावा सेक्टर मार्ग खड़ंजा अशोक ¨सह के खेत से सेक्टर मार्ग चारागाह तक मिट्टी के पटाई कार्य का महज 50 मीटर तक निर्माण मापांकन हुआ है। यहां भी जांच के दौरान अधिकारियों को 300 मीटर निर्माण मिला। उक्त दोनों निर्माण परियोजाओं के निष्पादन से कम मापांकन किए जाने के पीछे दूषित मानसिकता के साथ कतिपय लोगों को लाभ पहुंचाने का दोषी पाया गया है। ऐसे में ग्राम पंचायत आशापार तथा अहिरौली में तीन कार्यों के गलत मापांकन एवं मूल्यांकन किए जाने के आरोप पर तकनीकी सहायक द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण का परीक्षण किए जाने के बाद जवाब संतोषजनक नहीं पाए जाने को लेकर आरोपी पर अनुशासनिक तथा विभागीय कार्यवाही प्रचलित की गई है। बावजूद इसके आरोपी तकनीकी सहायक को अंतिम अवसर देते हुए कार्यक्रम अधिकारी ने अगले दस दिनों में स्पष्टीकरण देने को कहा है। संतोषजनक जवाब नहीं पाए जाने पर तकनीकी सहायक की सेवा समाप्त किए जाने के लिए संस्तुति आख्या जिला कार्यक्रम अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी। खंड विकास अधिकारी ने उक्त कार्रवाई की पुष्टि की।