आइटी एक्ट के मुकदमों की कौन करे विवेचना
अंबेडकरनगर : पुलिस महकमे के थानों में दर्ज आइटी एक्ट के मुकदमों की विवेचना ठप पड़ गई है। कारण विभाग
अंबेडकरनगर : पुलिस महकमे के थानों में दर्ज आइटी एक्ट के मुकदमों की विवेचना ठप पड़ गई है। कारण विभाग को इन मुकदमों की विवेचना के लिए विवेचक ही नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में दस मुकदमों को विवेचक का इंतजार है।
जिले की कानून व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त बनाए रखने के लिए शासन ने 18 थानों की स्थापना कर रखी है। इसमें 60 फीसद निरीक्षक एवं 40 फीसद उपनिरीक्षकों को थाने की कमान सौंपने का प्रावधान है। जिले के थानों में दर्ज होने वाले आइटी एक्ट के मुकदमों की विवेचना का जिम्मा क्राइम ब्रांच को सौंपा गया है। इसके तहत ऐसे मुकदमों की विवेचना का अधिकार महज निरीक्षक अथवा उनके ऊपर के अधिकारियों को है। मौजूदा समय में कोतवाली अकबरपुर में दर्ज नौ एवं अहिरौली थाने में दर्ज एक मुकदमे की विवेचना विभाग के लिए परेशानी का सबब बन गयी है। कारण कि विभाग में महज तीन निरीक्षकों की उपलब्धता है। इनमें से एक-एक जलालपुर एवं राजेसुल्तानुपर थाने पर तैनात है। वहीं एक निरीक्षक की तैनाती डायल 100 सेवा पर की गई है। ऐसे में क्राइम ब्रांच निरीक्षकों से खाली हो गया है। इस कारण विभाग को इन मुकदमों की विवेचना के लिए विवेचक ही ढूंढे नही मिल रहे हैं। ऐसे में दो से तीन माह बाद भी ऐसे मुकदमों की विवेचना शुरू नही हो सकी है। नतीजतन ऐसे मामलों में पीड़ितों को न्याय के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। वहीं अधिकारी भी खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं।
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थानों में दर्ज आइटी एक्ट के मुकदमों की विवेचना का अधिकार निरीक्षकों एवं सीओ को है। निरीक्षकों की कमी के कारण इन मुकदमों की विवेचना प्रभावित हो रही है। जल्द ही मुकदमों की विवेचना निरीक्षकों को आवंटित कर दी जाएगी। वहीं निरीक्षकों की तैनाती के लिए उच्चाधिकारियों से पत्राचार किया जा रहा है।
राहुल राज
अपर पुलिस अधीक्षक
अंबेडकरनगर