हरित क्रांति योजना साबित हो रही वरदान
अंबेडकरनगर : कृषि विभाग के माध्यम से संचालित हरित क्रांति योजना किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है
अंबेडकरनगर : कृषि विभाग के माध्यम से संचालित हरित क्रांति योजना किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। इस बार धान बोआई के लिए इस योजना में 72 लाख की धनराशि मुहैया कराई गई। इसमें 52 लाख किसानों के खाते में भेज दिया गया है। योजना को बेहतर ढंग से चलाए जाने के मामले में पूरे प्रदेश में जनपद प्रथम स्थान पर है। आवंटित धन व्यय कर किसानों को बीज, खरपतवार नाशक दवाएं मुहैया कराकर धान व गेहूं की बोआई की जाती है। इसके साथ ही विभागीय कर्मचारी फसल की देखरेख भी किया करते हैं। इस बार खरीफ की फसल में धान के लिए जिले को 72 लाख रुपए की धनराशि मुहैया कराई गई है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के सलाहकार अनुज कुमार ने बताया कि हरित क्रांति योजना के तहत 31 सौ हेक्टेयर धान फसल की प्रदर्शनी की जाएगी। इसमें सौ हेक्टेयर धान की बोआई ड्रम सीडर मशीन के माध्यम से की जाएगी। योजना के तहत एक हेक्टेयर में तीस किलोग्राम धान बीज दिया जाता है। इसके अलावा एक हेक्टेयर पर 75 सौ रुपये अनुदान एवं तीन सौ रुपये प्रशिक्षण में शामिल होने वाले किसानों को दिया जाता है।------------टांडा ब्लॉक से हुई बोआई की शुरुआत
अंबेडकरनगर : हरित क्रांति योजना की शुरुआत टांडा ब्लॉक के खासपुर गांव से हुई। इसमें 15 किसानों के खेतों में ड्रम सीडर मशीन द्वारा धान की बोआई की गई। इस मौके पर उप कृषि निदेशक विनोद कुमार ने किसानों को जानकारी देते हुए बताया कि इस विधि से लागत में काफी कमी आती है, इसलिए इस विधि को अधिक से अधिक किसान अपनाएं। इस मौके पर दिलीप कुमार, राम मूरत वर्मा, दीपक, राम मगन आदि किसानों के खेतों में धान की बोआई की गई। उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी तेग बहादुर ¨सह, डा. रवि मौर्य, डा. केके मौर्य ने भी किसानों को जानकारी दिया।