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मर्जी इनकी,आखिर सिर भी है इनका

अंबेडकरनगर : मर्जी है आपकी, आखिर सिर है आपका। टेलीविजन पर हेलमेट के इस्तेमाल को बढावा देने एवं सुरक्

By Edited By: Published: Sat, 25 Jun 2016 12:16 AM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2016 12:16 AM (IST)
मर्जी इनकी,आखिर सिर भी है इनका

अंबेडकरनगर : मर्जी है आपकी, आखिर सिर है आपका। टेलीविजन पर हेलमेट के इस्तेमाल को बढावा देने एवं सुरक्षित यात्रा के लिए यह प्रचार वर्षों पूर्व से दिखाया जा रहा है। आए दिन हो रहे सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौतें बाइक सवारों की वह भी सिर पर चोट लगने के कारण हो रही हैं। इसके बावजूद हेलमेट न पहनना शायद बाइक चालकों का शगल बन चुका है। ऐसी दशा में राज्य में बाइक चालक के साथ बैठने वाले के लिए भी हेलमेट की अनिवार्यता कितनी कारगर होगी, यह तो वक्त की बताएगा, लेकिन एक बात जरूरत है कि इसके जरिए पुलिसकर्मी अपना उल्लू सीधा करने में पीछे नहीं रहेंगे।

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जिले की काली सड़कों पर मौत घूम रही है। गत वर्षो की अपेक्षा जिले में सड़क हादसों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। गत पांच माह में हुए 88 सड़क हादसों में 54 लोग काल का ग्रास बन गए। वहीं 52 लोग घायल होकर शारीरिक विकलांगता का दंश झेल रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा पीड़ित बाइक सवार हैं। इनकी संख्या 70 तक फीसद तक है। ऐसे में हादसे के दौरान सिर पर चोट लगने के कारण ज्यादातर लोगों की मौत हो जाती है। 45 लोगों की मौत हेलमेट न लगाने के कारण हुई है। वहीं 48 लोग सिर में चोट लगने के कारण घायल हुए हैं। ऐसा तब है जब पुलिस विभाग ने वाहन चालकों को हेलमेट लगाने की अनिवार्यता लागू कर रखी है। बावजूद इसके लोग बगैर हेलमेट एवं तीन सवारी बैठा कर फर्राटा भर रहे हैं। जिससे सड़क हादसों में मौत एवं घायलों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। वहीं पुलिस महकमे की कार्रवाई महज वाहनों का चालान कर जुर्माना वसूलने तक सिमट गई है। खुद पुलिसकर्मी भी बगैर हेलमेट बाइक चलाते देखे जाते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि जब खुद नहीं सुधरे तो दूसरों को क्या सुधारेंगे?

पुलिस को चालान से मतलब

गत जनवरी माह से मई माह के अंत तक पुलिस विभाग ने बगैर हेलमेट के वाहन चला रहे चार हजार 222 लोगों का चालान कर जुर्माना वसूल किया है। इसी क्रम में रोजाना वाहन चे¨कग और चालान की कार्रवाई होती है, इसके बावजूद पुलिस चालकों को हेलमेट नहीं पहना पा रही।

हेलमेट खरीदते समय यह रखें ध्यान

हेलमेट व्यवसायी कुंवर ¨सह कहते हैं कि हेलमेट खरीदते समय लोगों को यह अवश्य ध्यान रखना चाहिए कि वह मानक पूरे करने वाली कंपनी का हो। लोकल एवं सस्ता हेलमेट हादसे के दौरान टूट सका है। वहीं हेलमेट की साइज भी सिर के अनुरूप होनी चाहिए। हेलमेट के ढीला होने पर हादसे के वक्त निकलने का भय बरकरार रहता है। उन्होंने बताया कि राज्य में भले ही दोपहिया वाहन पर बैठने वाले के लिए हेलमेट अनिवार्य कर दिया गया है, लेकिन उसका असर जिले में नहीं दिखेगा। कारण हेमलेट की बिक्री में अभी तक कोई इजाफा नही हुआ है।

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राज्य में दोपहिया वाहन चालकों के साथ ही बैठने वालों के लिए हेलेमेट की अनिवार्यता से लोग काफी खुश हैं। जिला चिकित्सालय में आयुष ¨वग में तैनात डा. प्रदीप गुप्ता कहते हैं कि अधिकांश सड़क हादसों में हेलमेट न लगाने के कारण लोगों की जान चली जाती है। ऐसे में हेलमेट की अनिवार्यता सराहनीय कदम है। व्यवसायी ओमप्रकाश कहते हैं कि हेलमेट के इस्तेमाल से हादसे के दौरान सिर में चोट लगने की संभावना कम रहती है। अधिकांश मामलों में सिर मे चोट लगना मौत का कारण बनता है। ¨रकू ¨सह कहते हैं कि चालक के साथ ही वाहन पर बैठने वाले के हेलमेट लगाने का फैसला जनता के हित में है। इससे सुरक्षा को बढावा मिलेगा। डा. कैलाश नरायण कहते हैं कि सड़क हादसों में होने वाली मौतों में अधिकांश सिर में चोट लगना पाया गया है। इस फैसले से चालक के साथ ही बैठने वाला भी सुरक्षित रहेगा। योगेंद्रनाथ प्रजापति कहते हैं कि पुलिस को इसका कड़ाई से पालन कराना चाहिए, जिससे लोग हादसों के बाद भी सुरक्षित रहें।

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यातायात नियमों का कड़ाई से पालन कराया जा रहा है। नियमित चे¨कग कर हेलमेट के इस्तेमाल कराने के निर्देश दिए जा रहे हैं। नियम का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाती है।

सुधांशु वर्मा

यातायात उपनिरीक्षक

अंबेडकरनगर


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