एनजीओ को हटाने की मांग हुई बुलंद
अंबेडकरनगर :मध्याह्न भोजन योजना के संचालन में प्रदेश सरकार द्वारा स्वयंसेवी संस्था को जिम्मेदारी दि
अंबेडकरनगर :मध्याह्न भोजन योजना के संचालन में प्रदेश सरकार द्वारा स्वयंसेवी संस्था को जिम्मेदारी दिए पर रसोइया भड़क उठे। उन्होंने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट के निकट धरना दे चौका व बेलन लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इस मौके पर चेतावनी भी दी गई की यदि जुलाई माह में रसोइयों को निकाला गया तो जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव किया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष कन्यावती वर्मा ने कहा कि दो जून को जारी आदेश जारी हुआ है कि कोई रसोइया न हटेगा और न ही रखा जाएगा। सरकार ने किचन सेट, स्टोर रूम, पानी की टंकियां, स्टोर रूम गैस सिलेंडर, बर्तन पर करोड़ों रुपये खर्च किया है। इतना सब होने के बावजूद अब एमडीएम की व्यवस्था एनजीओ के हाथ दिए जाने की तैयारी कर ली गयी है। इसी के जरिए रसोइयों को निकाले जाने की भी तैयारी है। भोलेनाथ गौड़ ने कहा कि चार माह से बकाया मानदेय तत्काल दिया जाय। रसोइयों के हित में कई बार सरकार को पत्र भेजा गया लेकिन कोई लाभ नहीं दिया गया। जिलाध्यक्ष राम निरंजन कन्नौजिया ने कहा कि सपा सरकार गरीबों के साथ छल कर रही है और उनका निवाला छीनने का काम कर रही है। शिवानंद मौर्य ने कहा कि सरकार यदि एनजीओ को नहीं हटाया तो रसोइया संगठन सपा सरकार को साफ करेगी। प्रदर्शन में मुख्य रूप से सालिकराम यादव, पुष्पा, आशाराम, कुशलावती, मुन्नीलाल, रमेश गौड़, राम सुधीर, शिव मंगल, आशेक कुमार आदि शामिल रहे।
ग्रामीणों का कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन
विकासखंड अकबरपुर के ग्रामपंचायत खासापुर दादूपट्टी में कोटेदार के चयन प्रक्रिया में धांधली की शिकायत पर एक पक्ष के समर्थन में ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर डीएम को ज्ञापन सौंपकर चुनाव प्रक्रिया निरस्त कराने की मांग की है। जिलाधिकारी को दिए गए शिकायती पत्र के माध्यम से चयन प्रक्रिया में हारी कोटेदार प्रत्याशी ज्ञानमती ने अवगत कराया है कि 23 जून को गांव में प्रधान व ग्राम सचिव के समक्ष खुली बैठक में कोटेदार के चयन प्रक्रिया के तहत दो सौ लोगों का समर्थन मिला जबकि विपक्ष में नीलम ¨सह को 150 लोगों का समर्थन प्राप्त हुआ। आरोप लगाया है कि प्रधान व सचिव ने अवैध रूप से नीलम को जिता दिया गया। प्रदर्शन में मुख्य रूप से विपिन कुमार, राम नयन, हीरालाल, दूधनाथ, लालती देवी, रेहाना बानों, नमरजहां, पूजा विश्वकर्मा, परशुराम, मिश्रीलाल, भीम प्रसाद, वीरेंद्र, अमरनाथ, सिगांरी देवी, राम सुरेश, फिरतू, राम दुलार, चंद्रवती आदि ग्रामीण शामिल रहे।