आठ वर्ष बाद भी पूरा न हो सका भवन
जहांगीरगंज (अंबेडकरनगर) : विकास खंड जहांगीरगंज में बालिकाओं की शिक्षा व्यवस्था के लिए वर्ष 2008 में
जहांगीरगंज (अंबेडकरनगर) : विकास खंड जहांगीरगंज में बालिकाओं की शिक्षा व्यवस्था के लिए वर्ष 2008 में तेंदुआईकला में राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की स्थापना के लिए आधारशिला रखी गई। करोड़ों की अनुमानित लागत वाले विद्यालय के भवन निर्माण के लिए मई 2008 में ही 40 लाख की धनराशि भी अवमुक्त करते हुए भवन निर्माण की जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था यूपी प्रोडक्ट कारपोरेशन फैजाबाद को सौंपी गई, लेकिन अब तक सभी भवन तो दूर चहारदीवारी का भी निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका। समय बीतने के साथ लागत भी बढ़ी। स्टीमेट रिवाइज कर धनराशि भी बढ़ाई गई, लेकिन सियासी खींचतान में विद्यालय भवन चहारदीवारी व शौचालय निर्माण कार्य हिचकोले लेता रहा। प्रशासनिक उपेक्षा एवं अनदेखी का आलम यह रहा कि आठ वर्ष में भी विद्यालय को बुनियादी सुविधाओं से लैस नहीं किया जा सका। तेंदुआईकला (चोरमरवा) वीरान स्थान पर बालिका विद्यालय तो स्थापित करने में रुचि ली गई, लेकिन सुरक्षा व संरक्षा के उपाय करने के जतन नहीं किए गए। भवन निर्माण से पूर्व चहारदीवारी का निर्माण कराया जाना चाहिए था। चारदीवारी का निर्माण शुरू हुआ तो बगल भी एक महिला ने आपत्ति जताते हुए न्यायालय में वाद नियोजित कर दिया। भूमि विवाद की वजह से चहारदीवारी निर्माण रुक गया। भवन निर्माण की पहली किस्म अवमुक्त होने के बाद निर्माण शुरू हुआ तो बाद में दूसरी किस्म के लिए सियासी खींचतान के चलते लाले पड़ गये। समय बढ़ने के साथ महंगाई व लागत भी बढ़ी तो सत्ता परिवर्तन के उपरांत दो वर्ष बाद स्टीमेट को रिवाइज कर निर्माण कार्य को गति दी जाने लगी। हालांकि वर्ष 2008 से ही शिक्षण कार्य प्रारंभ कर दिया गया। अध्यापक-अध्यापिकाओं के 16 पदों के अलावा लिपिक, वरिष्ठ लिपिक एवं परिचारक के पद सृजित किये गये, लेकिन आठ वर्ष बीत जाने के बाद भी पूरे सृजित पदों को नहीं भरा जा सका। अनुपमा उपाध्याय को प्रधानाचार्य का दायित्व सौंपते हुए आशा यादव, कुसुम यादव, रेखा एवं वंशबहादुर की सहायक अध्यापक के रूप में तैनाती की गई गई। वंशबहादुर को राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कम्हरिया से संबद्ध कर दिया गया। नौवी से लेकर 12वीं तक की कला एवं विज्ञान संकाय (गणित) की छात्राओं को शिक्षित करने की जिम्मेदारी प्रधानाचार्य समेत चार शिक्षिकाओं के जिम्मे होने के कारण शिक्षण कार्य प्रभावित होना लाजिमी है, जिसका छात्राओं की नामांकन संख्या पर भी खासा असर पड़ रहा है। हालांकि प्रधानाचार्य समेत सभी शिक्षिकाओं की टीम ने आसपास के दर्जनों गांवों में कई दिनों तक जाकर अभिभावकों से छात्राओं का नामांकन कराने की मनुहार की, लेकिन इसके बावजूद अपेक्षित परिणाम नहीं निकल पाया। शिक्षिकाओं व र्किमयों के पदों की रिक्तता तथा भवन निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाने का असर छात्राओं की संख्या पर भी पड़ रहा है। जिसके कारण वीराने में स्थापित बालिका विद्यालय सार्थकता नहीं साबित कर पा रहा है।
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पत्राचार किया जा रहा-जहांगीरगंज : प्रधानाचार्य अनुपमा उपाध्याय के मुताबिक चहारदीवारी व प्रयोगशाला कक्षों एवं कुछ शौचालयों का निर्माण कार्य अभी अधूरा है, जिसे कार्यदायी संस्था द्वारा धीरे-धीरे पूरा किया जा रहा है। रिक्त पदों को भरने के लिए पत्राचार किया जा रहा है।
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पूरा किया जा रहा कार्य-जहांगीरगंज : निर्माण की कार्यदायी संस्था यूपी प्रोडक्ट कारपोरेशन के अभियंता अर¨वद पाठक ने बताया कि अभी तक निर्माण पूरा नहीं हो सका है, जो बचा है, उसे पूरा किया जा रहा है। इसलिए आधे-अधूरे भवन को ही हस्तांतरित किया जा सका है। उन्होंने बताया कि फिलहाल अब अभियंता केआर गौतम कार्य देख रहे हैं। पूरी जानकारी वहीं दे सकेंगे।