चौकिंएगा नहीं, स्कूल की छुंट्टी नहीं बच्चे नहीं आए हैं
जलालपुर (अंबेडकरनगर) : यदि आप परिषदीय विद्यालय में जा रहे हैं तो सन्नाटा देखकर छुंट्टी नहीं मान लीज
जलालपुर (अंबेडकरनगर) : यदि आप परिषदीय विद्यालय में जा रहे हैं तो सन्नाटा देखकर छुंट्टी नहीं मान लीजिए। स्कूल में छुंट्टी नहीं, बच्चे ही नहीं आ रहे हैं। उनके लिए पढ़ाई से ज्यादा सहालग जरूरी है, कुछ खेती में व्यस्त हैं। ऐसे में शिक्षक भी गपशप कर लौट रहे हैं। बुधवार को शिक्षा क्षेत्र जलालपुर के कुछ विद्यालयों का जागरण टीम ने जायजा लिया तो यह स्थिति सामने आयी।---------
दिन-बुधवार।-स्थान - प्राथमिक विद्यालय वाजिदपुर।
-समय - 11.05 बजे।
विद्यालय परिसर सूना रहा। प्रधानाध्यापक डॉ. स्नेहलता अपने कक्ष के इतर दूसरे कक्ष में कुछ लिख-पढ़ रही थीं। पूछने पर रजिस्टर दिखाते हुए उन्होंने 35 बच्चों की उपस्थिति दिखायी और एमडीएम के तहत भोजन भी बनने का दावा किया। हालांकि इससे इतर दर्जनभर बच्चे सामूहिक रूप से एक कक्षा में बैठे गिनती गिन रहे थे। विद्यालय के सहायक अजित कुमार, प्रेरक विभा व मोनिका भी समय काट रही थीं।
-------स्थान - प्राथमिक विद्यालय नवानगर
समय - 11.18 बजे।
प्रधानाचार्य शीला वर्मा, सहायक अनीता वर्मा व उर्मिला द्विवेदी उपस्थित रहीं। विद्यालय में पंजीकृत 78 बच्चों में बुधवार को केवल दो ही विद्यालय पहुंचे। इनमें नये पंजीकृत तीन बच्चे भी नदारद रहे। यहां आंगनबाड़ी केंद्र ही नहीं है। सभी अध्यापक एक जगह गपशप कर समय काट रहे थे। विद्यालय के समीप गांववासियों के अतिक्रमण से रखरखाव की भी व्यवस्था चौपट थी। चहारदीवारी अधूरी, पेयजल सुविधा के लिए एक खराब हैंडपंप है।
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स्थान - जूनियर हाइस्कूल मैनपुर
समय - 11.45 बजे।
यहां भी पंजीकृत 89 बच्चों में केवल 10 स्कूल आए थे। 11 बच्चों का नया पंजीकरण हुआ है। प्रधानाध्यापक दयाराम यादव, सहायक गायत्री चौधरी, आरती व शैलेष वर्मा, वैशाली ¨सह, गुरु¨वद कौर प्रधानाध्यापक कक्ष में पठन-पाठन पर ही चर्चा कर रहे थे। यहां चहारदीवारी नहीं बन पायी है। इस विद्यालय में 10 वर्ष पूर्व आनन-फानन में फुंका हुआ ट्रांसफार्मर स्थापित कर दिया। तब से बिजली स्कूल में नहीं पहुंची न ही ट्रांसफार्मर बदला गया। हर कक्ष में लटके पंखे विभाग की लापरवाही बयां कर रहे हैं। --------
स्थान - प्राथमिक विद्यालय अशरफपुर भुआ
समय - 11.55 बजे।
यहां प्रधानाध्यापक शबीना अंजुम हैं। सहायक शम्शिया खातून व सुनीता यादव हैं। सुनीता भाई की शादी में गई थीं। बाकी सभी उपस्थित थे। कुल पंजीकृत 66 बच्चों में 15 उपस्थित थे। सामूहिक रूप से एक कक्षा में बैठाया गया था, जिन्हें अध्यापिका पढ़ा रही थी। विद्यालय में हुए विद्युतीकरण के बावजूद चोरों द्वारा तार काट ले जाने के कारण वाय¨रग के बावजूद कक्षों में लगे पंखे ठहरे दिखे।