खतरा बने पांच सौ आवारा कुत्ते
अंबेडकरनगर : शहर में ही करीब पांच सौ आवारा कुत्ते जन-जीवन पर खतरा बने हैं। इसके अलावा अन्य क्षेत्रों
अंबेडकरनगर : शहर में ही करीब पांच सौ आवारा कुत्ते जन-जीवन पर खतरा बने हैं। इसके अलावा अन्य क्षेत्रों में इनकी तादाद हजारों है। इनके हमले में रोजाना लोग घायल हो रहे। कुछ की तो असमय मौत भी हो जाती है। इसके अलावा गाय, बंदर, सांड और जंगली सूअर के हमले की घटनाएं भी लगातार हो रही हैं। इन पर नियंत्रण के लिए प्रशासन, पशु चिकित्सा विभाग अथवा नगरपालिका की ओर से सार्थक पहल नहीं की जा रही है। सरकारी तंत्र की यह उदासीनता नागरिकों पर भारी पड़ रही है।
जिला मुख्यालय स्थित नगर पालिका परिषद अकबरपुर परिक्षेत्र में करीब पांच सौ कुत्ते एवं पच्चास से अधिक आवारा पशु शुमार हैं। गली-कूचों से लेकर मुख्य मार्गों पर इन आवारा जानवरों एवं पशुओं को खुलेआम घूमते रोजाना देखा जा सकता है। वहीं नगर के कई मोहल्लों में बंदरों की भरमार है। कुत्ते एवं बंदरों का कहर नगर के गली मुहल्लों में जारी है। सड़कों पर आने जाने नन्हें-मुन्ने बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्गों पर भौंकना एवं हमलाकर काटने की घटनाएं रोजाना होती हैं। वहीं नगर के शहजादपुर कस्बे में बंदरों का खौफ है। बंदरों एवं कुत्तों के हमले में घायल सौ से डेढ़ सौ की संख्या में लोग रोजाना जिला चिकित्सालय में एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगवाने पहुंचते हैं। वहीं दूसरी ओर इन दिनों ग्रामीण इलाकों में जंगली सूअरों का खौफ है। गत दो दिनों के भीतर करीब दो दर्जन लोग इनके हमले में घायल हो चुके हैं। कोतवाली अकबरपुर क्षेत्र में ही घायलों की संख्या दर्जनभर से ऊपर है। इसके अलावा आलापुर क्षेत्र में भी जंगली सूअर के हमले से हाल में ही आधा दर्जन लोग घायल हो चुके हैं।
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जिले में कुत्तों एवं बंदरों के हमले में घायल होने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है। रोजाना इनसे पीड़ित सौ से अधिक लोग एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने के लिए जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं। साथ ही जंगली सूअर के हमले का शिकार लोग भी इलाज के लिए जिला अस्पताल लाए जा रहे हैं।
डॉ. ओपी ¨सह
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक
जिला चिकित्सालय अंबेडकरनगर