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अस्पताली कचरा जलाए जाने से हादसे का खतरा

सद्दरपुर (अंबेडकरनगर) : ना तो नियमों की बंदिशें हैं और ना ही खतरे को लेकर सावधानी। अधिकारियों और कर्

By Edited By: Published: Sun, 14 Feb 2016 12:22 AM (IST)Updated: Sun, 14 Feb 2016 12:22 AM (IST)
अस्पताली कचरा जलाए जाने से हादसे का खतरा

सद्दरपुर (अंबेडकरनगर) : ना तो नियमों की बंदिशें हैं और ना ही खतरे को लेकर सावधानी। अधिकारियों और कर्मचारियों की मनमानी का आलम है कि सारी सुविधाएं होने के बावजूद अस्पताली कचरा खुले में जलाया जा रहा है। इसका खामियाजा एमबीबीएस की छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है। बात हो रही है महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज की, जहां अस्पताली कचरा जलाने के लिये लाखों की लागत से इंसिलरेटर मशीन लगायी गयी है, लेकिन इसका उपयोग कभी-कभार ही होता है। जानकर बताते है दवाओं में तमाम प्रकार के केमिकल मिलाया जाता है, इसका अंश शीशियों और सि¨रज में रहता है जिसके जलाने से कई प्रकार की रासायनिक गैसें उत्सर्जित होती हैं जिसका सीधा प्रभाव पर्यावरण पर पड़ता है। बताया गया कि गत शुक्रवार की शाम अस्पताली कचरे को जलाते समय परिसर में आग फैल गई। वहां पर तैनात एक महिला कर्मचारी और एक मजदूर ने कड़ी मशक्कत कर आग पर काबू पा लिया। जहां पर आग लगी थी वहां से बिजली की मोटी केबिल गयी है। गनीमत है कि उसमें आग नहीं लगी नहीं तो कोई बड़ी अनहोनी हो सकती थी।


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