धरती का सर्वश्रेष्ठ लोकतांत्रिक गण भारत
अंबेडकरनगर : भारत की आजादी के बाद वर्ष 1950 में 26 जनवरी को धरती पर सबसे बड़े सार्वभौमिक लोकतांत्रिक
अंबेडकरनगर : भारत की आजादी के बाद वर्ष 1950 में 26 जनवरी को धरती पर सबसे बड़े सार्वभौमिक लोकतांत्रिक गणराज्य का उदय हुआ। यही दिन था जब स्वतंत्र भारतीयों को खुद के संविधान का नेतृत्व हासिल हुआ। भारत सरकार की मंशा के अनुसार विद्यालयों में गुरुवार को भारतीय संविधान दिवस मनाते हुए राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य सुरेशलाल श्रीवास्तव ने छात्रों को संविधान के बारे में उक्त जानकारियों से अवगत कराया। कार्यक्रम का आरंभ प्रधानाचार्य ने मां सरस्वती के अलावा डॉ. राजेंद्र प्रसाद व डॉ. भीमराव अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन से किया। बताया कि मूल रूप से 22 भाग 375 अनुच्छेद एवं आठ अनुसूचियों वाले भारतीय संविधान में संप्रति सौ संशोधनों के साथ 450 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां हैं। इसे तैयार किए जाने में दो वर्ष 11 माह 18 दिन का वक्त लगा। यही नहीं करीब 63 लाख 96 हजार 729 रुपये भी संविधान निर्माण पर खर्च हुए। ¨हदी प्रवक्ता पुष्कर मिश्र ने संविधान की ऐतिहासिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसमें आदर्श राष्ट्र तथा आदर्श नागरिक की पहचान हैं। इसका हृदय से अनुपालन किया जाना चाहिए। छात्र युवराज ने संविधान की खास बातों का जिक्र करते हुए समता और भ्रातृत्व के बारे में बताया। विविध कार्यक्रमों के बीच यहां दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें छात्र अभिषेक, प्रेमचंद तथा ओमांक प्रथम रहे। छात्राओं में निशा विश्वकर्मा व ¨सपल ने प्रतिभाग किया। न्याय समता भ्रातृत्व एवं स्वतंत्रता और भारतीय संविधान विषयक विचार गोष्ठी का भी आयोजन किया गया। संविधान विषय पर केंद्रित क्विज प्रतियोगिता के दौरान विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। मौके पर अनिल कुमार, राम अजोर मौर्य, उजमा नाजली, संत कुमार पांडेय, प्रियांशु भारतीय, सूरज रंजन, नीलेश शर्मा, ओम नंदन, सुमित, प्रीती, प्रमिला, शिवांगी, कविता आदि मौजूद रहीं।