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गैंगेस्टर की जमानत याचिका खारिज

अंबेडकरनगर : अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (गैंगस्टर) अनिल कुमार ने गैंगस्टर एक्ट के अलग-अलग मामलों म

By Edited By: Published: Tue, 01 Sep 2015 09:48 PM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2015 09:48 PM (IST)
गैंगेस्टर की जमानत याचिका खारिज

अंबेडकरनगर : अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (गैंगस्टर) अनिल कुमार ने गैंगस्टर एक्ट के अलग-अलग मामलों में दो आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी। मामला मालीपुर एवं इब्राहिमपुर थाना क्षेत्र का है। गत 12 जनवरी की सुबह इब्राहिमपुर थाना क्षेत्र के उतरेथू बाजार निवासी डा. संतोष कुमार वर्मा को बाइक सवार बदमाशों ने गोली मारकर घायल कर दिया था। मामले में पुलिस ने घायल चिकित्सक की तहरीर पर अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस मामले की तफ्तीश में जुटी थी कि गत 17 जनवरी को एसटीएफ लखनऊ की टीम ने गोरखपुर में मुठभेड़ के दौरान एक अपराधी को मार गिराया था। जबकि गोरखपुर जिले के बड़हलगंज थाना क्षेत्र के भरौली निवासी मोनू दूबे एवं गोला थाना क्षेत्र के मोहिद्दीनपुर निवासी राजू यादव को गिरफ्तार किया था। राजू ने पूछताछ में चिकित्सक पर हमले की वारदात को गोरखपुर जेल में निरुद्ध कोले ¨सह के कहने पर अंजाम देना स्वीकार किया था। इसके बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने गोरखपुर जिले के उरवा थाना क्षेत्र के श्रीराम खेड़ा निवासी पहलवान उर्फ धनेश यादव, अलीगंज थाना क्षेत्र के हुसैनपुर सुधना निवासी कृष्णानंद वर्मा एवं इब्राहिमपुर थाना क्षेत्र के बहोरनपुर निवासी धमेंद्र गोस्वामी को गिरफ्तार कर वारदात का राजफाश किया था। आरोपियों को जेल भेजने के उपरांत पुलिस ने गिरोहबंदी अधिनियम के तहत कार्रवाई की थी। वहीं मालीपुर पुलिस ने वर्ष 2013 में धवरूआ बाजार में सर्राफ की दुकान में दिनदहाड़े हुए लूटकांड में जौनपुर जिले के सरपतहा थाना क्षेत्र के अमावाखुर्द निवासी फूलगेन यादव, सुल्तानपुर जिले के अखंडनगर थाना क्षेत्र के बनगवाडीह निवासी जितेंद्र उर्फ पंडित, आजमगढ़ जिले के फूलपुर थाना क्षेत्र के चमराडीह निवासी अर¨वद उर्फ टन्नू एवं जैतपुर थाना क्षेत्र के गोपरी चांदपुर निवासी बजरंगी उर्फ गुड्डू को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इनके विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की थी। मंडल कारागार में निरुद्ध कृष्णानंद वर्मा एवं बजरंगी की ओर से न्यायालय में पेश की गई जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने आरोपियों को जमानत दिए आने की पैरवी की। वहीं प्रभारी जिला शासकीय अधिवक्ता रमेशराम त्रिपाठी ने विरोध जताते हुए तर्क पेश किया। दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्को को सुनने के उपरांत अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने दोनों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी।


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