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दूर होगा ¨सचाई संकट, लगेंगे तीन हजार नलकूप

अंबेडकरनगर : नलकूप विभाग की ओर से जिले में ¨सचाई के संकट को दूर किए जाने के लिए बड़ा कदम उठाया जा रहा

By Edited By: Published: Sun, 30 Aug 2015 12:02 AM (IST)Updated: Sun, 30 Aug 2015 12:02 AM (IST)
दूर होगा ¨सचाई संकट, लगेंगे तीन हजार नलकूप

अंबेडकरनगर : नलकूप विभाग की ओर से जिले में ¨सचाई के संकट को दूर किए जाने के लिए बड़ा कदम उठाया जा रहा है। इसके तहत जिले में तीन हजार नवीन नलकूपों की स्थापना की जाएगी। विभाग की ओर से की कवायद को आगे बढ़ाते हुए सांसद तथा विधायकों से संबंधित विधानसभा क्षेत्र में कम से कम दो-दो गांवों में स्थल का चयन करते हुए प्रस्ताव मांगा गया है।

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गौरतलब है कि मौजूदा वर्ष में कमजोर मानसून तथा ¨सचाई के संकट से किसान जूझ रहे हैं। नहरों के जरिए भी किसानों को फसल ¨सचाई में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। माइनरों के भठे होने के चलते अंतिम छोर तक पानी को पहुंचाना मुमकिन नहीं हो सका है। ऐसे समय में शासन और नलकूप विभाग को किसानों की सुध आयी है। वित्तीय वर्ष 2015-16 में डॉ. राम मनोहर लोहिया सामान्य तथा विशेष घटक योजना के तहत विभाग की ओर जिले में तीन हजार नलकूप लगाए जाने की मंशा जतायी है। इस बाबत सांसद डॉ. हरिओम पांडेय के अलावा विधायकों में अहमद हसन, राममूर्ति वर्मा, शंखलाल मांझी, शेरबहादुर ¨सह, अजीमुलहक पहलवान, भीम प्रसाद सोनकर को पत्र लिखा है। खास बात है कि आलापुर क्षेत्र में शामिल संतकबीरनगर संसदीय क्षेत्र से सांसद शरद त्रिपाठी को इस योजना में प्रस्ताव दिए जाने से विभाग ने दर किनार कर दिया है। नलकूप के लिए प्रस्ताव दिए जाने के पत्र में सांसद को अवगत नहीं कराया गया है। उधर विभाग सांसद और विधायक से मिलने वाले प्रस्ताव पर स्थलीय परीक्षण कराएगा। तदुपरांत जिला स्थल चयन समिति के समक्ष पत्रावली प्रस्तुत कर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। इसके इतर जिले में खराब पड़े नलकूपों की मरम्मत तथा बिजली की बेहतर आपूर्ति के लिए अभी ठोस कदम नहीं उठाया जा सका है।

जिले में 22 नलकूप खराब : जिले में मौजूदा हालात में अभीतक कुल 476 नलकूप स्थापित हैं। इसमें तकनीकी तथा बिजली की समस्या के चलते करीब 22 नलकूप खराब पड़े हैं। हालांकि विभाग की ओर से किए जाने वाले इस दावे से स्थलीय हकीकत इतर है। विगत दिनों समीक्षा बैठकों के दौरान माननीयों का भी रोष नलकूप विभाग पर रहता है। वजह महीनों तक खराब नलकूपों की मरम्मत नहीं की जाती है। वहीं विभाग की माने तो अधिकांश खामियां बिजली विभाग की वजह से सामने आ रही हैं। लो-वोल्टेज तथा हाई-वोल्टेज के चलते नलकूप के मोटर ध्वस्त हो रहे हैं। इसकी शिकायत शासन स्तर पर की जा चुकी है। जबकि बिजली विभाग की ओर से अवगत कराया जाता है कि निर्धारित 11 हजार वोल्ट के बजाए जिले को सात हजार वोल्ट ही बिजली मिल रही है। ऐसे में बेहतर आपूर्ति को लेकर संकट झेलना पड़ रहा है।


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