खटारा बसों से करते मंगलमय यात्रा की कामना
अंबेडकरनगर : करोड़ो की आमदनी देने वाले परिवहन निगम का अकबरपुर डिपो बदहाली का दंश झोल रहा है। बस सेव
अंबेडकरनगर : करोड़ो की आमदनी देने वाले परिवहन निगम का अकबरपुर डिपो बदहाली का दंश झोल रहा है। बस सेवाएं में लगातर कटौती एवं बदहाल यात्री सुविधाएं डिपो की पहचान बन गई है। जिसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। वहीं डिपो प्रशासन एवं शासन समस्याओं के निराकरण के प्रति गंभीर नही है।
उत्तर प्रदेश सड़क परिवहन निगम के अकबरपुर डिपो के बेडे में कुल 45 बसे शुमार है। डिपो ग्रामीणांचल क्षेत्रों से लेकर देश की राजधानी दिल्ली तक इनका संचालन कर लोगों को आवागमन की सुविधा प्रदान करता है। इसके एवज में डिपो प्रशासन यात्रियों से किराया वसूल करता है। किराए में यात्रियों को सुविधा प्रदान करने के लिए शुल्क भी वसूल किया जाता है। इस शुल्क से यात्रियों का पेयजल, बैठने की सुविधा, साफ सफाई समेत अन्य सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए। अकबरपुर डिपो की बसों से रोजाना करीब सात से आठ हजार यात्री सफर करते है। जिससे डिपो प्रशासन प्रत्येक माह करोडों रुपये का राजस्व सरकार को प्रदान करता है। लेकिन अकबरपुर डिपो में यात्री सुविधाओं में बढोत्तरी के बजाय लगातार कटौती की जा रही है। पूर्व बसपा सरकार में डिपो के बेडे में 59 बसे शुमार थी। लेकिन प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही डिपो में बसो की कटौती का शुरू हुआ दौर अभी तक जारी है। वहीं डिपो की जर्जर बसे हादसों को दावत दे रही है। डिपो में यात्रियों के लिए न बैठने की सुविधा है और न ही पेयजल की व्यवस्था। पीने के पानी के लिए यात्रियों को इधर उधर भटकना पड़ रहा है। ऐसे में यात्री डिपो की बसो की अपेक्षा प्राइवेट वाहनो से सफर करना मुनासिब समझते है। वहीं व्यवस्था में सुधार के लिए डिपो प्रशासन की मांग को भी उच्चाधिकारी अनसुना कर रहे है।