इन्हें है प्रकृति को सहेजने की फिक्र
अंबेडकरनगर : छोटी उम्र के छात्रों को प्रकृति संरक्षण की ¨चता सताए जा रही है। अनियोजित विकास तथा प्रक
अंबेडकरनगर : छोटी उम्र के छात्रों को प्रकृति संरक्षण की ¨चता सताए जा रही है। अनियोजित विकास तथा प्रकृति को पहुंचाए जा रहे नुकसान को लेकर ¨चतित छात्र अपने मॉडल के जरिए इसे सुरक्षा प्रदान करने का रास्ता तलाश रहे हैं। इसकी झलक दिखी राजकीय बालिका इंटर कॉलेज अकबरपुर के परिसर में आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी में।
सरस्वती विद्या मंदिर कश्मिरिया टांडा से प्रतिभाग कर रहे छात्र अर्पित वर्मा ने प्रकृति के दोहन और बढ़ते प्रदूषण पर अपने मॉडल में ¨चता जाहिर की। छात्र की सोच यहीं तक सीमित रहने के बजाए इसके बचाव की ओर भी अग्रसर नजर आयी। छात्र ने बताया कि वनों की कटान के कारण वन्य जीवों को रहने के लिए ठिकाना नहीं बच रहा है। ऐसे में वह शहरी क्षेत्र में आकर नष्ट हो रहे हैं। अनियोजित विकास के कारण वायु, जल, ध्वनि समेत सभी प्रदूषण हावी हो रहे हैं। ऐसे में बिजली पाने के लिए पवन चक्की का इस्तेमाल करना चाहिए। मिश्रीलाल आर्यकन्या इंटर कॉलेज की छात्रा सुमेधा गुप्ता ने बगैर बिजली से चलने वाली फ्रिज का मॉडल प्रस्तुत किया। इसमें टिन की दो दीवारों के बीच पकी मिट्टी को डाला गया है। इसमें पानी भर दिया जाएगा। जिससे अंदर रखी वस्तु खराब नहीं होगी। राजकीय विद्युत परिषद इंटर कॉलेज टांडा की छात्रा स्नेहलता ने मनुष्य के हृदय की संरचना तो अर¨बद ने अम्लीय वर्षा का मॉडल प्रदर्शित किया। चितबहाल इंटर बालिका इंटर कॉलेज के छात्र परिजात मणि ¨सह ने बायोगैस प्लांट के मॉडल के जरिए घरेलू कचरे से रसोघर के लिए ईंधन पैदा किए जाने की जानकारी दी। ग्रीन हाउस के जरिए प्रतिकूल वातावरण में सब्जियों के उत्पादन किए जाने की विधा प्रस्तुत की। कामता प्रसाद जनता इंटर कॉलेज के छात्र विशाल शर्मा ने सौर ऊर्जा तथा अन्य छात्रों ने भी विविध मॉडल में विज्ञान प्रदर्शनी के जरिए प्रकृति को सहेजने के गुर बताए।