ईंधन की किल्लत से बेपटरी हुआ मध्याह्न भोजन
अंबेडकरनगर : बेसिक शिक्षा के परिषदीय तथा सहायता प्राप्त विद्यालयों में छात्रों को गर्मागर्म भोजन मिल
अंबेडकरनगर : बेसिक शिक्षा के परिषदीय तथा सहायता प्राप्त विद्यालयों में छात्रों को गर्मागर्म भोजन मिल सके, यह उम्मीद जिले में धूमिल हो चुकी है। इन दिनों ईंधन की किल्लत के चलते 243 विद्यालयों के चूल्हे ठंडे पड़े हैं। विभागीय अधिकारी संचालन शुरू कराए जाने को लेकर बेतुका बयान देकर अपना पल्ला झाड़ने में लगे हैं। यह आलम तब है जबकि न्यायालय गुणवत्तापरक नियमित एमडीएम संचालन को लेकर सख्त है। वहीं बीते दिनों में विभागीय स्तर पर एमडीएम के संचालन को लेकर लगातार कार्रवाई करते हुए बाधक बने 161 ग्राम प्रधानों से खाता संचालन का अधिकार छीन लिया है।
जिले में 1332 प्राथमिक विद्यालयों तथा 520 उच्च प्राथमिक विद्यालयों को एमडीएम से आच्छादित किया गया है। इसके अलावा वित्तीय सहायता प्राप्त 83 तथा जिले के 60 इंटर कॉलेजों में भी एमडीएम की सुविधा छात्रों को दिए जाने का दावा किया जा रहा है। आंकड़ों की ओर गौर किया जाए तो परिषदीय विद्यालयों में 235 स्कूलों में एमडीएम संचालन ठप पड़ा है। इसमें सिर्फ आठ विद्यालयों में प्रधानों का असहयोग पाया गया है। जबकि शेष विद्यालयों में मध्याह्न भोजन पकाए जाने के लिए ईंधन की किल्लत बताई जा रही है। अधिकांश विद्यालयों में एमडीएम बनाए जाने के लिए लकड़ी का ही सहारा है। ऐसे में बारिश के चलते लकड़ियों के भीग जाने से व्यवस्था बेपटरी हो चुकी है। वित्तीय सहायता प्राप्त आठ विद्यालयों में विवाद के चलते छात्रों को भोजन नहीं मिल रहा है। साथ ही मात्र एक इंटर कॉलेज में प्रबंधकीय विवाद के चलते एमडीमए सुचारू नहीं किया जा सका है। उधर नवीन शिक्षण सत्र को शुरू हुए 13 दिन बीत चुके हैं, लेकिन एमडीएम संचालन पटरी पर नहीं लौटा है। जबकि विभाग की ओर से सफल संचालन के लिए खाद्यान्न और परिवर्तन लागत का प्रचुर मात्रा में भुगतान कर दिया गया है। हालांकि जिले में अभी तक तैनात पांच हजार 50 रसोइया मजदूरों के सापेक्ष हटाए जाने तथा तैनाती किए जाने की व्यवस्था अधर में लटकी है।
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टास्कफोर्स की निगरानी विफल
अंबेडकरनगर : एमडीएम संचालन को लेकर प्रदेश से लेकर मंडल, जिला तथा ब्लाक स्तर पर गठित टास्क फोर्स टीमों की निगरानी भी विफल साबित हो रही है। जिला स्तर पर एमडीएम को सुचारू किए जाने की कवायद महज समीक्षा तक सिमटी है। इसकी बाधाओं को दूर कर जरूरतों को पूरा किए जाने में अधिकारी उदासीन बने हैं।
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एमडीएम को शतप्रतिशत संचालित किए जाने का प्रयास किया जा रहा है। संपूर्ण जिम्मेदारी मेरी नहीं है। विद्यालय में जिसने एमडीएम की जिम्मेदारी ली है। वह भी उसका निर्वहन करे।
डॉ. राज बहादुर मौर्य
बीएसए
अंबेडकरनगर
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-जिला टास्कफोर्स
अध्यक्ष : डीएम
सदस्य : सीडीओ
सदस्य : सएमओ
सदस्य : पीडी
सदस्य : डीडीओ
सदस्य : डीपीआरओ
सदस्य : डीएसओ
सदस्य सचिव : बीएसए
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-ब्लाक टास्कफोर्स
अध्यक्ष : एसडीएम
सदस्य सचिव : बीईओ
सदस्य : बीडीओ
सदस्य : एडीओ पंचायत
सदस्य : चिकित्सा प्रभारी