चरागाह बना मेडिकल कॉलेज
अंबेडकरनगर : सफाई व्यवस्था के नाम पर प्रतिमाह लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी मेडिकल कॉलेज परिसर में
अंबेडकरनगर : सफाई व्यवस्था के नाम पर प्रतिमाह लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी मेडिकल कॉलेज परिसर में जहां जगह-जगह गंदगी का ढेर है। वहीं परिसर में घास की बड़ी-बड़ी झाड़िया चारागाह सरीखी हैं।
महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज परिसर की सफाई व सुरक्षा के लिए एक प्राइवेट कंपनी को जिम्मेदारी सौंपी गई। इस कंपनी के द्वारा लगभग 250 कर्मचारियों को सफाई व सुरक्षा के नाम पर कथित तौर पर लगाया गया है, लेकिन परिसर में फैली गंदगी व बड़ी-बड़ी घास की झाड़ियां सफाई व्यवस्था की सच्चाई बयां कर रहे हैं। कॉलेज परिसर में प्रवेश के मुख्य द्वार एवं प्रशासनिक भवन के पास जहां घास की बड़ी-बड़ी झाड़ियां हैं, वहीं छात्रों एवं कर्मचारियों के आवास के सामने ही जगह-जगह कचरा फैला है जिससे दुर्गंध भी आती है। यही नहीं आपातकालीन चिकित्सा भवन के सामने भी कचरा फैला है। ओपीडी गेट के पास लगा इकलौता इंडिया मार्का-टू हैंडपंप गंदगी व घास से घिरा है। ऐसा भी नहीं है कि इस पर किसी की नजर नहीं पड़ती। मेडिकल कॉलेज प्रशासन से लेकर सफाई कर्मी यहां से दिन में दर्जनों बार गुजरते हैं। मरीज के साथ आयी सुदामा देवी व रमेश ने बताया कि कोई शिकायत भी सुनने वाला नहीं है जिससे व्याप्त गंदगी की शिकायत की जाए। प्रधानाचार्य डॉ. पीके ¨सह का कहना है कि सफाई व्यवस्था के लिए लखनऊ से ही डेल्टा कंपनी का ठेका हुआ है। यदि व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो पत्राचार किया जाएगा।