व्यवसायी मुक्त, पांच बदमाश गिरफ्तार
अंबेडकरनगर : आलापुर थाना क्षेत्र से अपहृत व्यवसायी को पुलिस ने मुक्त कराने में कामयाबी हासिल की है।
अंबेडकरनगर : आलापुर थाना क्षेत्र से अपहृत व्यवसायी को पुलिस ने मुक्त कराने में कामयाबी हासिल की है। मामले में पांच बदमाशों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से घटना में प्रयुक्त स्कार्पियो वाहन, मोटर साइकिलें व असलहों की बरामदगी की है।
जहांगीरगंज संवादसूत्र के मुताबिक घटना गत बुधवार सायं थाने से चंद कदम की दूरी पर आरोपुर बाजार में हई थी। यहां गिट्टी व मोरंग की दुकान करने वाले सहिजना हमजापुर निवासी सूर्यभान गौतम का स्कार्पियो वाहन से आए असलहाधारी अज्ञात बदमाशों ने अपहरण कर लिया था। थाने के निकट ही हुई इस वारदात से सनसनी फैल गई। अगवा व्यवसायी की पत्नी शोभावती की सूचना पर सक्रिय हुई पुलिस तत्काल कार्रवाई में जुट गई। इसी बीच व्यवसायी के घर पर फोन कर अपहरण कर्ताओं द्वारा धन की मांग की गई। फोन नंबर को पुलिस ने सर्विलांस पर लगा अपहरणकर्ताओं की लोकेशन हासिल कर पीछा करना शुरू कर दिया। इसमें घटना स्थल के निकट के एक व्यक्ति द्वारा वारदात में प्रयुक्त स्कार्पियो वाहन का नोट किया गया नंबर मददगार साबित हुआ। पुलिस ने टांडा कोतवाली क्षेत्र के रतनपुर ब्राहिमपुर कुसमा गांव के पास बाबूराम वर्मा के बंद पड़े भट्ठे पर रात में ही छापा मारा। यहां से अपहरण कर्ताओं को दबोच अगवा व्यवसायी को मुक्त करा लिया। पुलिस के मुताबिक मौके पर से अपहरण में प्रयुक्त स्कार्पियो वाहन यूपी 45एल/9673 भी बरामद कर लिया गया। साथ ही अभियुक्तों के कब्जे से 315 बोर के दो तमंचे व प्वाइंट 32 बोर का दो तमंचा व कारतूस व बिना नंबर की दो बाइकें बरामद हुईं। एसओ केपी ¨सह के मुताबिक पकड़े गए आरोपियों की पहचान टांडा कोतवाली के अंगद पटेल पुत्र कृष्णमणि व आकाश पटेल पुत्र हरिगो¨वद निवासी रतनपुर, बब्लू पुत्र जियालाल ब्राहिमपुर कुसमा निवासी तथा हंसवर थाना क्षेत्र के काजीपुर निवासी वाहन चालक मनोज उर्फ मिश्रीलाल, सविकापुर टांडा निवासी संतोष पुत्र रामसूरत के रूप में हुई है। एक आरोपी ब्राहिमपुर कुसमा निवासी अरविदं पुत्र परिक्रमा फरार हो गया। गिरफ्तार आरोपियों के विरुद्ध अपहरण व शस्त्र बरामदगी का मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।
लेनदेन का बताया विवाद : व्यवसायी के अपहरण के पीछे नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे के लेन-देन का भी मामला सामने आया है। पकड़े गए अपहरण कर्ताओं ने पूछताछ में इस बात का राजफाश भी किया। उनके मुताबिक व्यवसायी पुत्र ने उन लोगों की बेरोजगारी का फायदा उठाकर नौकरी दिलाने के नाम पर चार लाख रुपये लिए थे। नौकरी न मिलने पर जब धन वापस मांगा गया तो देने की बजाय उन लोगों को टरकाया जाता रहा। धन को वापस लेने के लिए ही दबाव बनाने की गरज से यह कदम उन्हें उठाना पड़ा। एसओ ने बताया कि तफ्तीश में ही यह बात सामने आ सकेगी।