दमतोड़ रहीं सहकारी समितियां
अंबेडकरनगर : किसानों के कृषि कार्य में सहयोग करने के उद्देश्य से स्थापित साधन सहकारी समितियां दमतोड़
अंबेडकरनगर : किसानों के कृषि कार्य में सहयोग करने के उद्देश्य से स्थापित साधन सहकारी समितियां दमतोड़ रही हैं। कारण कि जिले में एक दर्जन से अधिक समितियां बीमार हैं। ऐसे में किसानों को समिति से कितना लाभ मिल सकता है? इसका खुद अंदाजा लगाया जा सकता है।
किसानों को उनके क्षेत्र में ही सस्ते दर पर ऋण, खाद-बीज आदि सामग्री उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 1965 से साधन सहकारी समितियों के स्थापना का कार्य शुरू हुआ। जैसे-जैसे ये समितियां पंजीकृत हुईं, वैसे-वैसे इनकी स्थापना होती गई। नतीजतन वर्ष 1970 तक जिले में 91 समितियां विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित हो गईं। वर्तमान में इन समितियों से दो लाख 64 हजार सदस्य जुड़ चुके हैं। समितियों की कार्यप्रणाली का आलम यह रहा कि जिले में 15 समितियां वर्षो से बंद पड़ी हैं। जिससे इन समितियों से जुड़े सदस्यों, कृषकों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। इन्हें खाद-बीज के लिए दूसरे क्षेत्रों में स्थित समितियों का चकर लगाना पड़ता है। फिर भी सुविधाएं नहीं मिल पाती है। भीटी विकास खंड में सर्वाधिक समितियां बंद है। मोहम्मदपुर रायगंज, पूरेदरबार, खजुरी व मिझौड़ा समिति घाटे के चलते बंद हो गई है। जलालपुर विकास खंड के इस्माइलपुर समिति वर्षों से बंद पड़ी है। समिति के भवन में एक कोटेदार खाद्यान्न रखता है तथा उसमें निवास कर रहा है।