'महुआ महरानी' के नाम पर बिक रहा 'जहर'
अंबेडकरनगर : जिले में महुआ से निर्मित अवैध शराब को नशेड़ियों ने महुआ महरानी का नाम दे रखा है। गांव-गा
अंबेडकरनगर : जिले में महुआ से निर्मित अवैध शराब को नशेड़ियों ने महुआ महरानी का नाम दे रखा है। गांव-गांव तैयार होने वाली इस शराब की न तो तीव्रता का कोई पैमाना है और न ही निर्माण के समय खतरे का ध्यान रखा जाता है। ऐसे में यह जहर ग्रामीण अंचलों के अलावा कतिपय कस्बों में भी धड़ल्ले से बिक रहा है। इच्छाशक्ति का अभाव व आंकड़ों की बाजीगरी इसे बढ़ावा देने वाली है। यह शराब तब जहर बन जाती है, जब इसमें घातक रसायन का इस्तेमाल किया जाता है अथवा निर्माण के समय चूक हो जाती है।
17 साल पहले जिले में आबकारी विभाग की स्थापना के बाद अकबरपुर तथा टांडा क्षेत्र में बांटकर यहां दो सर्किल अफसर तैनात किए गए। उक्त दोनों सर्किल क्षेत्र में चिह्नित 15 गांवों में अवैध कच्ची शराब के निर्माण के लिए चिह्नित किया गया है। हालांकि इससे इतर यह संख्या सैंकड़ों में हो सकती है। कारण शायद ही कोई न्याय पंचायत ऐसी होगी, जिससे अधीन गांवों में यह धंधा न होता हो। हैरत की बात है कि पुलिस, आबकारी विभाग व प्रशासन की कार्रवाइयां भी चिह्नित गांवों में ही शराब का धंधा बंद नहीं करा सकीं। इससे इतर पुलिस व आबकारी विभाग हर साल कार्रवाई के आंकड़ों में वृद्धि दिखा अपनी जिम्मेदारी व जवाबदेही से बचने की जुगत करते हैं। यही वजह है कि शराब का अवैध निर्माण व बिक्री पर अंकुश लगने के बजाय इसका विस्तार हो रहा है।
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-यह गांव हैं चिह्नित
अंबेडकरनगर : मांझा क्षेत्रों समेत अन्य स्थानों पर चल रहे इस कारोबार को बंद कराने के लिए विभाग की ओर से अभी तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई है। चिह्नित गांवों में टांडा सर्किल में कम्हरिया मांझा, मदैनिया सिद्धार्थ, रामनगर जेठावां, बौड़ा मांझा व अकबरपुर सर्किल क्षेत्र में खरिकाभारी, डुहिया, निबिहवा, नरसिंहभारी, नोन्सिला, फत्तेपुर, बेवाना, आदि गांवों कच्ची शराब की भठ्ठियां धधक रही हैं।
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-साठगांठ और लापरवाही बांधा
अंबेडकरनगर : अवैध कच्ची शराब का कारोबार ऐसे ही नहीं परवान चढ़ा है। इसमें पुलिस व आबकारी विभाग की भूमिका भी संदिग्ध है। साझा अभियान के वक्त विभागों के विभीषण सूचना लीक कर देते हैं। इसके चलते धंधे के सूत्रधार कार्रवाई की चपेट में आने से बच निकलते हैं। अभियानों के दौरान केवल औपचारिकता भर पूरी कर छोटे-मोटे विक्रेताओं को दबोचा जाता है। इतना ही नहीं निजी मुचलके पर तत्काल मुक्त कर अधिकारी निजी हितों को साध वापस लौट आते हैं।
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-मेथाइल अल्कोहल से खतरा
अंबेडकरनगर : जिला आबकारी अधिकारी बीबी सिंह बताते हैं कि एथाइल एल्कोहल से शराब बनाई जाती है। जबकि इसी के रंग तथा सुगंध से मिलती जुलती मेथाइल अल्कोहल जहर होता है। ऐसे में इसका प्रयोग मौत की वजह बनती है। बताया गया कि राष्ट्रीय राजमार्गो तथा महानगरों से सटे क्षेत्रों में इसके पहुंचने की उम्मीदें बनी रहती हैं। जिले में इसकी आमदरफ्त नहीं है। इसके अलावा कच्ची शराब के निर्माण के बाद इसे गल्ती से कीटनाशक के डिब्बे में रख देने से शराब जहरीली हो जाती है।
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-कार्रवाई के आंकड़े
अंबेडकरनगर : आबकारी विभाग ने वित्तीय वर्ष 2011-12 में 831 मुकदमें दर्ज करते हुए 15 हजार 389 लीटर कच्ची शराब पकड़ी। जबकि ताड़ी के 111 मुकदमें दर्ज हुए। इसमें तीन हजार 840 लीटर ताड़ी बरामद की गई। वित्तीय वर्ष 2012-13 में 876 मुकदमें दर्ज करते हुए विभाग ने 15 हजार 899 लीटर शराब बरामद की गई। इसके अलावा 119 मुकदमें दर्ज करते हुए 4115 लीटर ताड़ी बरामद हुई। वित्तीय वर्ष 2013-14 में 911 मुकदमें दर्ज हुए और 16 हजार 279 लीटर अवैध कच्ची शराब बरामद हुई। ताड़ी के 124 मुकदमों में 4240 लीटर की बरामदगी हुई। वित्तीय वर्ष 2014-15 में दिसंबर माह तक 792 मुकदमें दर्ज करते हुए 14 हजार 427 लीटर अवैध कच्ची शराब बरामद की है। जबकि ताड़ी के 117 मुकदमें अभी तक दर्ज कर विभाग ने 4005 लीटर ताड़ी जब्त करने का दावा किया है।
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-लाइसेंसी दुकानें
देशी शराब - 156
विदेशी शराब - 35
बीयर - 33
मॉडल शॉप - 04
भांग - 33
ताड़ी - 58
स्प्रिट - 03
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क्या कहते हैं जिम्मेदार
-जिला आबकारी अधिकारी बीबी सिंह का कहना है कि अभियान चलाकर अवैध कच्ची शराब के कारोबार को नष्ट किया जा रहा है। जिलेभर में व्यापक अभियान चलाने की रूपरेखा तैयार की जा रही है।
-अकबरपुर सर्किल क्षेत्र के उप निरीक्षक ओम प्रकाश का कहना है कि नियमित निरीक्षण कर कार्रवाई की जा रही है। चिह्नित स्थानों पर छापेमारी चल रही है। रात के समय धरपकड़ में कर्मचारियों की कमी बाधक बनती है।
-टांडा सर्किल के उप निरीक्षक राम आसरे अवैध कच्ची शराब के धंधे को बंद कराने को लेकर गैरजिम्मेदाराना बयान देते हुए कहते हैं कि भारत वर्ष में कुछ बंद नहीं होता। यह सामान्य गतिविधियां हैं, चलती रहेंगी। इसे बंद नहीं किया जा सकता है।
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-कार्यालय में पसरा रहता है सन्नाटा
अंबेडकरनगर : जिला आबकारी अधिकारी कार्यालय में अक्सर सन्नाटा पसरा रहता है। विभाग की कार्यशैली को लेकर मंगलवार के नजारे से अंदाजा लगाया जा सकता है। अपराह्न करीब एक बजे कार्यालय में कनिष्ठ लिपिक बादशाह हुसैन के अलावा सभी कुर्सियों पर सन्नाटा पसरा रहा। जिला आबकारी अधिकारी से दूरभाष पर संपर्क करने पर बताया गया कि सरकारी कार्य से लखनऊ हैं। जबकि उप निरीक्षक ओमप्रकाश किसी काम से बाहर जाने की बात कहते हुए कार्यालय के बाहर ही मिले। प्राय: इस कार्यालय में यह नजारा आम है।