करोड़ों खर्च फिर भी अधूरे रहे ख्वाब
टांडा (अंबेडकरनगर) : आवास विहीन शहरी गरीबों को पक्का आवास सुलभ कराए जाने के लिए नगर में तीन वर्ष पूर
टांडा (अंबेडकरनगर) : आवास विहीन शहरी गरीबों को पक्का आवास सुलभ कराए जाने के लिए नगर में तीन वर्ष पूर्व आवास निर्मित किए गए। आवंटन की प्रक्रिया पांच वर्ष बीतने के बाद भी पूर्ण नहीं हो सकी। ऐसे में करोड़ों रुपये तो खर्च हो गए, लेकिन गरीबों के ख्वाब अधूरे हैं।
नगर के गरीब परिवारों को पक्के छतों का आवास उपलब्ध कराए जाने के लिए कांशीराम शहरी गरीब आवास योजना के अंतर्गत नगर के कूड़ा करकट एकत्र करने के स्थान को हटाकर आवास बनाने की शुरुआत वर्ष 2009 में हुई थी। योजना के अंतर्गत लगभग दो लाख 75 हजार रुपये की लागत से 46 ब्लॉकों में 12-12 आवास मात्र तीन वर्षो में निर्मित हो तैयार हो गए। मात्र आवासीय क्षेत्र में स्थित मार्गो का निर्माण अधूरा रहा। उस समय शासन की प्राथमिकता रही योजना को शीघ्र पूरा किए जाने को आवासों के आवंटन के लिए नगर के अंत्योदय एवं बीपीएल कार्डधारकों से आवेदन मांगें गए। कई बार के जांच पड़ताल के उपरांत पात्रों की बनी सूची के अनुसार आवासों के आवंटन का क्रम शुरू हो गया। लगभग लगभग 500 पात्रों को लाटरी के माध्यम से आवास आवंटित कर दिए गए, शेष प्रशासन एवं पात्रों के मध्य करार करने एवं आवासों में कब्जा दिलाया जाना था कि विधानसभा चुनाव आ गया। इसके चलते प्रक्रिया ठहर गयी। तब से नगर के पात्र गरीब पक्के छत के लिए शासन-प्रशासन की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं। नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष हाजी इफ्तेखार अहमद अंसारी ने बताया कि प्रशासन के आदेश पर पात्रों के आवेदन मांगें गए थे। जांच पड़ताल के बाद आवेदन जिलाधिकारी कार्यालय को उपलब्ध करा दिया गया है। वहीं से आवंटन होना है।