जिलों व दिलों के बीच दूरियां घटा रहा 54 करोड़ का पुल
अजय सिंह(अंबेडकरनगर) घाघरा नदी पर बहुप्रतीक्षित बिड़हरघाट पुल निर्माण 54 करोड़ की लागत से पूरा हो चु
अजय सिंह(अंबेडकरनगर)
घाघरा नदी पर बहुप्रतीक्षित बिड़हरघाट पुल निर्माण 54 करोड़ की लागत से पूरा हो चुका है। अब इसके लोकार्पण की औपचारिकता भर शेष रह गई है। संभावना है कि जिले में आगमन पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आगामी 17 दिसंबर को इसका लोकार्पण करेंगे। पुल बन जाने से बस्ती, संतकबीरनगर व गोरखपुर की दूरियां घट गई। इससे जहां कारोबार सुगम होता, वहीं वैवाहिक रिश्ते बढ़ने से दिलों का फासला भी कम होगा।
पुल से नदी इस पार के जिले अंबेडकरनगर, आजमगढ़, जौनपुर, गाजीपुर, इलाहाबाद, सुल्तानपुर व उस पार संतकबीरनगर, बस्ती, गोरखपुर की दूरियां सिमट जाने से विकास व आर्थिक उन्नति के नए आयाम भी स्थापित होंगे। आलापुर विधानसभा क्षेत्र की जहांगीरगंज नरियांव नजदीकी बाजार है। यहां से माडरमऊ होते हुए पुल की दूरी नौ किलोमीटर है। अब तक दोनों तरफ के लोगों का आवागमन जल मार्ग से नाव के जरिए होता था। भारी वाहनों से आवागमन मऊ जिले के दोपहरीघाट से होता था।
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खास बातें
-एक किलोमीटर 65 मीटर लंबा है पुल
-35 खंभों पर हुआ निर्माण
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घट जाएंगी दूरियां
-गोरखपुर की दूरी 140 किलोमीटर की पड़ती थी। पुल बन जाने से यह दूरी महज 75 किलोमीटर ही पड़ेगी।
- खलीलाबाद के लिए दोहरी घाट होते हुए 170 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी। अब महज डेढ़ घंटे में ही 40 किलोमीटर की दूरी तय कर पहुंचा जा सकेगा।
-अंबेडकरनगर जिला मुख्यालय से इस पुल के जरिए गोरखपुर की दूरी लगभग 120 किलोमीटर तथा संतकबीरनगर की दूरी महज 95 किलोमीटर व बस्ती की दूरी लगभग 110 किलोमीटर।
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हमन तौ 20 किलोमीटर दूर से पुल देखइ आइल बा
दिलीप सिंह, जहांगीरगंज
मंगलवार को पुल पर आवागमन कर रहे गोरखपुर के सुरसी गांव निवासी परदेशी, छोटेलाल, सोमई, देवशरण व गंगा प्रसाद आदि की खुशी का ठिकाना न रहा। बोले हमन तौ 20 किलोमीटर दूर से पुल देखइ कि खातिर आइल बा। इस पार के मंसूरगंज निवासी राधेश्याम मांझी, तैय्यब अली, बिड़हर घाट के सत्यदेव मांझी, सोनू गुप्त, दुर्गपुर के मुन्ना सिंह, माडरमऊ के श्यामदेव यादव आदि बताते हैं कि सबसे महत्वपूर्ण फायदा व्यवसायिक व राजनीतिक हुआ है। परिसीमन के बाद आलापुर विधानसभा संतकबीरनगर लोकसभा सीट से जुड़ जाने के कारण अलग-थलग पड़ गई थी। अब पुल के जरिए संसदीय क्षेत्र की अन्य चार विधानसभा क्षेत्रों मेंहदावल, खजनी, खलीलाबाद व घनघटा का सीधा जुड़ाव हो गया है। प्रमुख बुनकर बाहुल्य नेवारी गांव के हाजी मुमताज, अब्दुल सलाम व नई बाजार के मोहम्मद आजम, इफ्तेखार अहमद व नरियांव के मोहम्मद इरशाद व अब्दुल रहमान बताते हैं कि पहले उन लोगों को सूत लाने व कपड़ों को बेचने के लिए दोहरी घाट होते हुए ट्रांसपोर्ट का सहारा लेना पड़ता था। अब यह सब मात्र एक दिन में ही पुल के जरिए संभव हो गया है।
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ऐसे पहुंचा जा सकेगा
जहांगीरगंज : बिड़हरघाट पुल तक अंबेडकरनगर जिला मुख्यालय से टांडा, हंसवर होते हुए रामनगर से चहोड़ा होते हुए व जहांगीरगंज नरियांव बावली चौक से सीधे पहुंचा जा सकता है। इसी तरह से जौनपुर व आजमगढ़ से वाया जहांगीरगंज यहां पहुंचा जा सकता है। वर्तमान में खलीलाबाद से जलालपुर तक निजी बस के संचालन के साथ ही छोटे-बड़े अन्य वाहनों समेत साइकिल सवार व पैदल लोगों का आवागमन निर्बाध गति से जारी है।
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-क्षतिग्रस्त हो गया एप्रोच मार्ग
जहांगीरगंज : बनने के साथ ही पुल का एप्रोच मार्ग ध्वस्त हो गया। इसको दुरुस्त करने की कवायद लोक निर्माण विभाग द्वारा तेज कर दी गई है। इसके लिए रात-दिन मजदूर लगाकर कार्य कराया जा रहा है।