Move to Jagran APP

लेखपालों ने छोड़ा अतिरिक्त क्षेत्रों का कार्य

अंबेडकरनगर : राजस्व लेखपालों की लंबित समस्याओं का निराकरण न होने से उनका कार्यबहिष्कार आंदोलन जारी ह

By Edited By: Published: Wed, 29 Oct 2014 12:13 AM (IST)Updated: Wed, 29 Oct 2014 12:13 AM (IST)
लेखपालों ने छोड़ा अतिरिक्त क्षेत्रों का कार्य

अंबेडकरनगर : राजस्व लेखपालों की लंबित समस्याओं का निराकरण न होने से उनका कार्यबहिष्कार आंदोलन जारी है। संघ के निर्णय पर मंगलवार को तहसील मुख्यालयों पर पहुंच लेखपालों ने अतिरिक्त क्षेत्र के अभिलेख अधिकारियों के पास जमा कर दिए।

loksabha election banner

लेखपाल संघ अकबरपुर तहसील इकाई अध्यक्ष दयाराम पाल एवं मंत्री रामशेष वर्मा ने कहा कि संघ द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार तहसील दिवस व समाधान दिवस के दिन लेखपाल अपने क्षेत्रों में उपस्थित रहकर कार्य करेंगे। हालांकि उक्त दिवसों में प्राप्त शिकायती प्रार्थना पत्रों का निस्तारण नहीं करेंगे। इस तरह आगामी 30 नवंबर तक सभी प्रकार के आवेदन शिकायती पत्रों, जन शिकायत, जन सूचना, लोकवाणी, मुख्यमंत्री संदर्भ, जाति, आय, निवास, निर्वाचन आदि पर अपनी आख्या नहीं अंकित करेंगे। इसके बावजूद समस्याओं का निराकरण न किए जाने पर एक दिसंबर से पूर्णरूप से कार्य बहिष्कार करते हुए तहसील मुख्यालयों पर अनिश्चितकालीन धरना देंगे। इस मौके पर 12 लेखपालों द्वारा अतिरिक्त क्षेत्र का बस्ता जमा कर देने से 16 लेखपाल क्षेत्र का कार्य पूरी तरह ठप हो गया है।

टांडा संवादसूत्र के मुताबिक वेतन विसंगतियों, प्रोन्नति के अवसर आदि मांगों को लेकर लेखपाल पखवारेभर से आंदोलित हैं। इसी क्रम में लगभग दो दर्जन लेखपालों ने 123 गांवों का अतिरिक्त कार्य छोड़ बस्ता वापस कर दिया। बताया गया कि तहसील के 75 लेखपाल हल्कों में 51 लेखपाल तैनात हैं। इनमें से 24 लेखपाल दोहरे लेखपाल हलकों के चार्ज पर थे। लेखपाल संघ के अध्यक्ष रघुपति विश्वकर्मा की अगुआई में रजिस्ट्रार कानूनगो कार्यालय में एकत्र हुए लेखपालों ने नारेबाजी करते हुए सहायक रजिस्टर कानूनगो आरबी पाल को एक-एक कागजात का मिलान करके राजस्व कागजात के बस्तों को सौंप दिया। वहीं राजस्व निरीक्षक के अतिरिक्त चार्ज पर रहे दिनकर कुंवर, राजस्व कुमार मिश्र अतिरिक्त राजस्व निरीक्षक का कार्य छोड़ दिया। अब तहसील राजस्व निरीक्षक विहीन हो गई है।

--------------

यह हैं प्रमुख मांगें

-वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए।

-प्रोन्नति के अवसरों को बढ़ाया जाए।

- अतिरिक्त कार्य कराने के एवज में अलग से श्रम मूल्य दिया जाए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.