फसल जोतवा प्रशासन ने एनटीपीसी को दिलाया कब्जा
टांडा (अंबेडकरनगर) : एनटीपीसी के द्वितीय चरण के विस्तारीकरण के लिए अधिग्रहीत भूमि पर भौतिक कब्जा दिलाए जाने के द्वितीय चरण की शुरुआत भारी बल की मौजूदगी में हुई। केशवपुर पचपोखरा गांव से शुरू हुई कार्रवाई में किसानों के खेतों में खड़ी गन्ना, धान आदि फसलों को जोतवा जिला प्रशासन ने एनटीपीसी को कब्जा दिलाया। इस दौरान किसानों के परिवारीजन रोते-बिलखते रहे।
एनटीपीसी द्वितीय चरण का विस्तारीकरण कर 660 मेगावाट की दो विद्युत इकाइयां लगाना चाहती है। तहसील के शरीफपुर कलवरिया, सम्हरिया, हुसेनपुर सुधाना, केशवपुर पचपोखरा, लड़नपुर, आसोपुर, ककराही आदि नौ गांवों के 1425 किसानों की सैकड़ों हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत की गई है। भू-अधिग्रहण का विरोध करते हुए किसानों ने हाइकोर्ट में याचिकाओं दायर कर रखी है। किसान किसी भी कीमत पर कब्जा छोड़ने को तैयार नहीं थे। गत दिनों सलारपुर रजौर एवं हासिमपुर गांव की अधिग्रहीत 65 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर प्रशासन ने एनटीपीसी को कब्जा दिला दिया। शनिवार को एकबार फिर इस कार्रवाई की शुरुआत हुई। पुलिस, सीआरपीएफ, पीएसी की उपस्थिति में केशवपुर पचपोखरा गांव से कार्रवाई शुरू की गई। इस दौरान खेतों में खड़ी फसलों को ट्रैक्टर, रोटावेटर से जोत नष्ट कर दिया गया। सुरक्षा बलों की उपस्थिति के कारण किसान इस कार्रवाई का विरोध नहीं कर सके। उनके परिवार की महिलाएं, बच्चे जोती जा रही फसलों को दूर से देखते रोते-बिलखते रह गए। कार्रवाई के दौरान गांव पहुंचने के मार्गो पर सुरक्षा बल मय मजिस्ट्रेट के तैनात रहे। डीएम विवेक ने कब्जा परिवर्तन की चल रही कार्रवाई को शांतिपूर्ण बताते हुए कहा कि अभियान जारी रहेगा। इस दौरान एडीएम राममूर्ति मिश्र व एएसपी पंकज आदि अधिकारी मौजूद थे।
मुकर रहा प्रशासन : केशवपुर पचपोखरा गांव में अधिग्रहीत भूमि पर भौतिक परिवर्तन की कार्रवाई रामतीरथ के खेतों से शुरू हुई। इनकी 12 बीघा भूमि पर कब्जा लेने के लिए गन्ना एवं धान की फसलें जोत दी गई। परिवार के साथ दरवाजे पर बैठे रामतीरथ ने कहा कि गत दिनों सम्हरिया गांव के प्राथमिक विद्यालय पर किसानों की मीटिंग करते हुए कहा गया था कि फसलों के कट जाने के बाद ही कार्रवाई होगी। डीएम इससे मुकर गए। पहले से कार्रवाई की जानकारी होती तो हम गांववाले गन्ना आदि की फसलों को काटकर पशुओं को खिला देते।
गजियापुर में पसरा सन्नाटा : गजियापुर गांव में गत बुधवार को ग्रामीणों पर बरपे पुलिसिया कहर के खौफ का साया चौथे दिन शनिवार को भी छंट नहीं सका है। गांव की बेपटरी हुई दिनचर्या सामान्य नहीं हो सकी है। पुलिस के भय से गांव के पुरुष गांव वापस नहीं लौट रहे। कई घरों में ताले डाल सपरिवार ग्रामीण चले गए हैं। गांव में शनिवार को सन्नाटा पसरा रहा। बच्चे, वृद्ध, महिलाएं ही गांव में हैं। सम्हरिया बाजार खुल नहीं सका है। बाजार में दुकानों के सामने सुरक्षा बलों का कब्जा है। बुधवार को सम्हरिया बाजार में ग्रामीणों द्वारा लगाए गए जाम के दौरान पुलिस-किसानों में संघर्ष हो गया था। सबक सिखाने के लिए गजियापुर गांव के ग्रामीणों पर पुलिसिया कहर बरपा।