Move to Jagran APP

मांझा व नगरीय इलाकों में कहर बरपा रही घाघरा

By Edited By: Published: Tue, 19 Aug 2014 09:44 PM (IST)Updated: Tue, 19 Aug 2014 09:44 PM (IST)
मांझा व नगरीय इलाकों में कहर बरपा रही घाघरा

अंबेडकरनगर : घाघरा नदी का जल स्तर एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से बढ़ रहा है। मंगलवार की शाम तक जलस्तर खतरे के निशान 84 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है। ऐसे में मांझा क्षेत्रों के अलावा नगरीय इलाके में बाढ़ का पानी कहर बरपा रहा है। जन-जीवन प्रभावित है और मवेशियों के लिए चारे का संकट उत्पन्न हो गया है।

loksabha election banner

टांडा संवादसूत्र के मुताबिक नदी के दो धाराओं के मध्य बसे मांझा उल्टहवा गांव के सभी घरों में पानी घुस गया है। मांझा क्षेत्र के अन्य गांव भी प्रभावित हो गए हैं। नगर के आधा दर्जन मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुस गया है। पॉवरलूम फैक्ट्री और आवासीय घरों में पानी भर गया है। फैजाबाद मार्ग पर करीब एक फीट पानी है। प्रशासन बाढ़ पीड़ितों के लिए मांझा क्षेत्र में नौकाएं लगा दी हैं। बाढ़ चौकियों पर अभी किसी बाढ़ पीड़ित को विस्थापित नहीं किया गया है। नगर क्षेत्र में बाढ़ एवं राहत का कोई प्रबंध नहीं है। घाघरा नदी का जल स्तर एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से वृद्धि कर रहा है। मंगलवार को 10 बजे नदी का जल स्तर खतरे के लाल निशान (92.730 मीटर) को पार कर 83.5 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है। नदी के दो धाराओं के मध्य बसा मांझा उल्टहवा गांव के सभी पुरवों में पानी भर गया है। सभी 257 घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है। कच्चे रास्तों में कमर भर पानी है। गंगापुर से होकर गांव में जाने वाला पक्का मार्ग कई जगह कट गया। इसी मार्ग पर नवनिर्मित पुलिया ढह गई है। रामकेवल लेखपाल गांव में रहकर बाढ़ पर निगाह रखे हैं। लेखपाल ने बताया कि बाढ़ से बाहर निकलने के लिए एक दर्जन देशी नौकाएं लगायी गई हैं। अभी ग्रामीण अपने घरों को छोड़ने को तैयार नहीं हैं। गांव के पूर्व प्रधान राजेंद्र यादव ने बताया कि सभी घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है। किसी तरह ग्रामीण भोजन बना रहे हैं। पेयजल एवं पशुओं के चारे का संकट है। बाढ़ का पानी बुधवार तक बढ़ता रहा तो सुरक्षित स्थानों के लिए निकलना पड़ेगा। मांझा क्षेत्र के गांव मांझा अवसानपुर, मांझा कला, केवटला का पल्टू पीपर मजरा बाढ़ से प्रभावित है। बाढ़ का पानी नगर क्षेत्र के आधा दर्जन मोहल्लों में पहुंच गया है। सिटकहा मोहल्ला में फैजाबाद मार्ग पर एक फीट पानी है। स्टेट बैंक से नगर पालिका जाने वाले मार्ग पर करीब दो फीट पानी है। मोहल्ला मेहनिया में भगवान दास, धु्रवलाल, श्रीपाल, हनुमान सहाय, गंगाराम आदि दर्जनों घरों में पानी घुस गया है। बसखारी मार्ग से मोहल्ले में जाने वाले मार्ग पर बाढ़ का पानी पहुंच गया है। बारात घर में कमर तक पानी है। नेहरूनगर मोहल्ला में कालीचौरा तक पानी पहुंच गया। छज्जापुर गोड़ियाना में राजकरन मांझी सहित दर्जनों घरों में पानी है। नगर पालिका परिषद के पूरब स्थित घसियारी टोला में पक्के मार्ग पर एक फीट पानी है। छोटेलाल, रणविजय, वेतन आदि के घरों में पानी घुस गया है। राजघाट में कमर अहमद की पॉवरलूम फैक्ट्री में कमर तक बाढ़ का पानी है। यहां नाले के किनारे बसे दर्जनों घरों में बाढ़ का पानी भर गया है। फैजाबाद मार्ग के दक्षिण स्थित मोहल्ला सिटकहा में निजामुद्दीन आदि के घरों के सामने लगभग दो फीट पानी है। कई घरों में पानी पहुंच गया है। नगरीय क्षेत्र में बचाव एवं राहत के लिए सिटकहा, राजघाट आदि ने तहसील दिवस में प्रार्थना पत्र दिया।

राजेसुल्तानपुर संवादसूत्र के मुताबिक मांझा कम्हरिया व आराजी देवारा गांव के दर्जन भर पुरवों में पानी घुस गया है। प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूल चारों तरफ से घिर गए है। मांझा कम्हरिया के वंशीलाल निषाद, हीरालाल निषाद, राजेंद्र निषाद, दयाराम, रामअचल यादव आदि ने बताया कि दर्जनों लोगों के कच्चे मकान ढह गए। करिया लोनिया पुरवा के वाशिंदे संकरी बने पुल से आवागमन कर रहे है, जो खतरे से खाली नहीं है। प्रसाद व हंसू पुरवा के लोगों के लिए केवल दो नाव लगाई गई है। बाढ़ के पानी में सैकड़ों एकड़ फसले डूब गई हैं। आराजी देवारा के प्रधान सतीराम यादव ने बताया कि नदी का जल स्तर इसी रफ्तार से बढ़ता रहा तो समूचा गांव पानी में डूब जाएगा। तहसीलदार रामसहाय कश्यप ने बताया कि बाढ़ में लगे कर्मचारियों को एलर्ट कर दिया गया है। तीन नाव और लगा दिया गया है। स्थिति पर नजर रखी जा रही है।

जहांगीरगंज संवादसूत्र के मुताबिक विकासखंड क्षेत्र के घाघरा नदी के तटवर्ती गांव हिछना किन्नूपुर व केवटली पूर्वी व पश्चिमी पुरवे के लोग चारों तरफ से बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। गांव के बखेड़ू, रामपति व कन्नू द्वारा खुद चार नावों की व्यवस्था कर उसका संचालन किया जा रहा है। इससे ग्रामीण बाहरी रास्तों तक पहुंच रहे है। ग्रामीण राधिका, सुनीता, कैलाशी, चंद्रमादेवी, वंशराज ने बताया कि बाढ़ में नौका चलाकर उनकी सहायता करने में लगे चारों गांव वाले ही उनके लिए पतवार का कार्य कर रहे हैं। प्रशासन द्वारा अभी तक कोई सहायता मुहैया नहीं करायी गई है। तहसीलदार रामसहाय कश्यप ने बताया कि हिछना किन्नूपुर, केवटली के गांव की स्थिति का पता नहीं है। इसकी जानकारी कर जरूरी सेवाएं मुहैया करायी जाएंगी।

-------------

-दो दर्जन नौकाएं लगीं

टांडा : घाघरा नदी में आयी बाढ़ के पीड़ितों के बचाव एवं राहत के लिए प्रशासन ने लगभग दो दर्जन देशी नौकाएं लगायी हैं। सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए तहसील क्षेत्र के नौ बाढ़ चौकियां बनायी गई हैं। तहसील में बाढ़ नियंत्रण केंद्र स्थापित किया गया है। बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा करके वापस लौटे तहसीलदार राजेश सिंह ने बताया कि मांझा उल्टहवा की स्थिति विस्थापित किए जाने वाली है। बाढ़ प्रभावित इधर बाढ़ चौकी पर आने के बजाय बस्ती की ओर बने बंधे पर जा रहे हैं। मांझा अवसानपुर गांव के कुछ परिवारों को प्राइमरी पाठशाला में विस्थापित कर दिया गया है। बचाव के मांझा उल्टहवा के सभी पुरवों के लिए 14 देशी नौकाएं लगायी गई हैं। केवटला में तीन, अवसानपुर में पांच नौका लगा दी गई है। नगर के लेखपाल छोटेलाल ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों की सूची बनायी जा रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.