घटने लगा नदी का जल स्तर, कटान का खतरा बढ़ा
इंल्तिफातगंज (अंबेडकरनगर) : घाघरा नदी के जल स्तर में सप्ताहभर से जारी वृद्धि का क्रम गुरुवार को ठहर गया। नदी का जल स्तर खतरे के निशान से 14 सेंटीमीटर ऊपर पहुंचकर घटने लगा है। हालांकि सैकड़ों बीघा खेत जहां अब भी घाघरा नदी के पानी से जलमग्न हैं, वहीं कई स्थानों पर नदी के कटान का खतरा बढ़ गया है। तहसीलदार के नेतृत्व में राजस्व कर्मियों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया।
गत बुधवार को नदी का जल स्तर खतरे के निशान (92.730 मीटर) से साढ़े 14 सेंटीमीटर ऊपर पहुंचकर 92.885 पर स्थिर हो गया था। लगभग घंटे भर स्थिर रहने के बाद नदी के जल स्तर में आधा सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से कमी दर्ज की जा रही है। बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में सैकड़ों बीघा खेत नदी के पानी से अब भी जलमग्न हैं। नदी के किनारे निचले हिस्सों में कई स्थानों पर कटान की स्थिति से लोगों को निजात नहीं मिल पा रही है। मांझा क्षेत्र के गांव में पालतू पशुओं के चारे की समस्या जहां बनी है। वहीं ग्रामीणों को प्रतिदिन उपयोग में आने वाली वस्तुओं के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। टांडा तहसील क्षेत्र के नौरहनी में नदी के पानी ने गुरुवार को भोर में फिर कटान किया। इस बीच तहसीलदार राजेश सिंह ने राजस्व अमले के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्र मांझा उल्टहवा व मांझा कला का निरीक्षण किया। उन्होंने ग्रामीणों से समस्याओं के बारे में जानकारी ली। उप जिलाधिकारी सोमदत्त मौर्य ने बताया कि जल स्तर में कमी दर्ज की जा रही है। गुरुवार को नदी का पानी प्रात: आठ बजे 92.830 मीटर रहा।