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धोखाधड़ी करने वाला लेखपाल बर्खास्त

By Edited By: Published: Mon, 30 Jun 2014 10:05 PM (IST)Updated: Mon, 30 Jun 2014 10:05 PM (IST)
धोखाधड़ी करने वाला लेखपाल बर्खास्त

अंबेडकरनगर : आलापुर तहसील क्षेत्र में नौकरी हासिल करने के लिए धोखाधड़ी किए जाने का मामला संज्ञान में आया है। अपर जिलाधिकारी ने तथ्यों को छिपाकर नौकरी हासिल करने वाले लेखपाल को बर्खास्त कर दिया है। आरोपी को छह माह पहले ही मृतक आश्रित कोटे के तहत नियुक्ति मिली थी। मामले में आरोपी लेखपाल के अलावा तैनाती की रिपोर्ट अग्रसारित करने वाले लेखापाल, कानूनगो, तहसीलदार व तत्कालीन उप जिलाधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

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गौरतलब है कि उक्त तहसील क्षेत्र बहरामपुर निवासी रामकिशुन की मृत्यु वर्ष 2012 में हो चुकी थी। वह इसी तहसील क्षेत्र में तैनात भी रहे हैं। इसके बाद उनके पुत्र राजकुमार ने मृतक आश्रित कोटे के तहत नौकरी हासिल किए जाने को आवेदन किया। मामले में तत्कालीन उप जिलाधिकारी ने मई 2013 को भेजी गई रिपोर्ट में उसे नौकरी के लिए शासनादेश के अनुरूप तथा वैध मानते हुए रिपोर्ट अपर जिलाधिकारी कार्यालय को अग्रसारित कर दी। इसी के आधार पर गत चार जनवरी को राजकुमार को मृतक आश्रित कोटे के तहत नियुक्ति दे दी गई। मामले में रामनगर निवासी रामबचन ने नियुक्ति के दौरान तथ्यों को छिपाने तथा धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए मंडलायुक्त से शिकायत की थी। शिकायतकर्ता के मुताबिक मृत लेखपाल की पत्‍‌नी एवं मृतक आश्रित कोटे के तहत नौकरी हासिल करने वाले राजकुमार की मां शारदा देवी बेसिक शिक्षा विभाग में प्रधानाध्यापिका पद पर कार्यरत हैं। उनकी तैनाती उच्च प्राथमिक विद्यालय हिसामुद्दीन पिपरा में है। मामले की जांच किए जाने पर शिकायत की पुष्टि हुई। अपर जिलाधिकारी राममूर्ति मिश्र ने दोषी लेखपाल को गत दिनों बर्खास्त कर दिया। साथ ही धोखाधड़ी किए जाने के मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा सेवानिवृत्त हो चुके तत्कालीन एसडीएम समेत तहसीलदार, कानूनगो व लेखपाल पर भी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। अपर जिलाधिकारी राममूर्ति मिश्र ने लेखपाल के बर्खास्त किए जाने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि मृत लेखपाल की पत्‍‌नी सरकारी सेवा में है, इस कारण इनके परिवार के किसी व्यक्ति को मृतक आश्रित पद पर नियुक्ति नहीं दी जा सकती है। बताया गया कि उक्त लेखपाल को वेतन भुगतान नहीं किया गया था। ऐसे में रिकवरी का मामला नहीं रह गया है। दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई होगी। हालांकि धोखाधड़ी के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने से गुरेज किया जा रहा है।


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