पर्यावरण संतुलन में वृक्षों की अहम भूमिका
अंबेडकरनगर : वन विभाग द्वारा मालीपुर स्थित पौधशाला परिसर में जैव विविधता जागरूकता गोष्ठी का आयोजन हुआ। इसमें वक्ताओं ने प्रमुखता से पर्यावरण संतुलन में वृक्षों की अहम भूमिका बताते हुए वन संरक्षण अभियान में आवाम की सहभागिता पर जोर दिया।
गोष्ठी के मुख्य अतिथि रहे परुइया आश्रम पीजी कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. कुवर सिंह ने रेलीजियस मैथालोजी के हवाले से श्रीराम चंद्र जी के वन गमन से लेकर पूरे धार्मिक परिवेश में वृक्षों की उपयोगिता, वहीं वन्य जीवों के संरक्षण में वन एवं वृक्षों की उपयोगिता का चित्रण किया। उन्होंने कहा कि वन व जीवन एक दूसरे पर निर्भर हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि वैज्ञानिक दृष्टि से श्वसन क्रिया वृक्षों की प्रतिक्रिया पर ही निर्भर है। बाबा बरुआदास पीजी कॉलेज में भूगोल के विभागाध्यक्ष व रीडर डॉ. आरपी शुक्ल ने भौगोलिक दृष्टि से वनों की लगातार हो रही कटान को देश के लिए खतरा बताया। कहा कि मानव जगत व जीव जंतु का अस्तित्व वनस्पति जगह पर ही निर्भर है। यही नहीं समृद्धि की दिशा में मुल्क की चौथाई कुटीर औद्योगिक इकाइयां भी वनों की स्मिता पर निर्भर हैं। वक्ताओं ने वन नीति 1957 की संशोधित 1988 वन नीति पर सरकारों को गंभीर न रहने का अरोप लगाते हुए अंधाधुंध वृक्षों की कटान को पर्यावरण असंतुलन का सबब बताया। क्षेत्रीय वनाधिकारी रमाकांत राम ने बताया कि आगामी माह जुलाई के प्रथम सप्ताह भी जगह-जगह वन महोत्सव आयोजित कर जनमानस को वृक्षों व वनों की उपयोगिता व संरक्षण के लिए जागरूक किया जाएगा। गोष्ठी का समापन करते हुए नगर पालिका सभासद गोलू जायसवाल ने उपस्थित जनों को निजी स्तर से पौधरोपण का संकल्प दिलाया। मौके पर सुनील श्रीवास्तव, अरविंद पांडेय, दुबरी यादव, शेषनारायण सिंह, वन दरोगा सालिकराम, श्रीनाथ व नरेंद्र चौहान आदि मौजूद थे।